नगर निगम का चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होगा. यानी, दुर्गा पूजा व छठ के बीच राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव कराने की पूरी तैयारी में है. इसको लेकर शनिवार को आयोग की ओर से एक पत्र भी जारी किया गया है. इसमें सभी जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी (नगरपालिका) को कोविड-19 के मद्देनजर निरोधात्मक उपाय पर काम करने के साथ तैयारी तेज करने का आदेश दिया गया है. इसके बाद राजनीतिक सरगर्मी अचानक बढ़ गयी है. पार्षद से लेकर मेयर व उप मेयर पद के लिए दावेदारी पेश करने वाले उम्मीदवार अब खुलकर सामने आने लगे हैं. सोशल मीडिया पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मैदान में उतरने का ऐलान भी बारी-बारी से करना शुरू कर दिया है.
राज्य निर्वाचन आयोग से जारी गाइडलाइन के अनुसार बूथ पर वोट गिराने पहुंचने वाले हर मतदाता को मास्क आवश्यक रहेगा. इसके अलावा कोविड से बचाव के लिए बूस्टर सहित तीनों डोज का टीका लेना आवश्यक होगा. दूसरी तरफ, आयोग ने पहली बार पार्षद के साथ-साथ मेयर व उप मेयर का हो रहे सीधे चुनाव के लिए सिम्बॉल (प्रतीक चिह्न) भी जारी कर दिया है. मुख्य पार्षद यानी मेयर के लिए कुल 31 तरह का सिम्बॉल रहेगा. वहीं, उप मुख्य पार्षद (उप मेयर) के लिए 21 एवं पार्षद के लिए तीन दर्जन चुनाव चिन्ह तैयार किया गया है. दो दर्जन चुनाव चिह्न को सुरक्षित रखा गया है.
राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से आरक्षण से संबंधित पत्र जारी करने के बाद तय हो गया है कि पहले की तरह इस साल भी मेयर का जो सीट है. वह सुरक्षित (अति पिछड़ा) का रहेगा. वहीं, सामान्य कोटि में उप मेयर का सीट रहेगा. पार्षद के लिए जो वार्ड जैसे है. वह वैसे ही रहेगा. आरक्षण कोटि में कोई बदलाव नहीं होगा. इससे आगामी निगम को जो चुनाव है. वह काफी दिलचस्प होगा. मेयर सीट के लिए फिलहाल, पूर्व मेयर सुरेश कुमार के अलावा राकेश कुमार पिंटू व पार्षद नंद कुमार प्रसाद साह उर्फ नंदू बाबू रेस में हैं. दूसरी तरफ, उप मेयर के रेस में पूर्व उप मेयर मानमर्दन शुक्ला के अलावा संजय केजरीवाल, सावन पांडेय, राजेश कुमार चौधरी सहित कई भाग्य आजमाने की तैयारी कर रहे हैं. मुस्लिम चेहरा भी उप मेयर के लिए इस बार अपनी मजबूती से दावेदारी पेश करेगा.