-
छाता चौक स्थित कबीर सत्संग स्थल पर परिणय सूत्र में बंधे जोड़े
-
वर-वधू को वेदमंत्र सुना कर बिना दहेज करायी गयी शादी
मुजफ्फपुर शहर के छाता चौक स्थित कबीर सत्संग समारोह स्थल पर रविवार को एक अनोखी शादी हुई. इसमें न बैंड बाजा था और न ही बराती थी. विवाह में किसी तरह का आडंबर भी नहीं था. जोड़े ने टीवी पर इंटरनेट के माध्यम से संत रामपाल महाराज के वेदमंत्र को सुना. उसके बाद महज 17 मिनट में शादी संपन्न हो गयी. इसमें पुरोहित नहीं थे और जोड़ों ने अग्नि के फेरे भी नहीं लिये.
उन्हें रक्षा सूत्र व मंत्र उच्चारण के साथ पवित्र बंधन में बांधा गया. गुरु के वेदमंत्र सुनने के बाद लोगों ने शादी संपन्न माना और वर-वधू को आशीर्वाद दिया. औराई निवासी जिनीश दास के पुत्र बाला लखिंदर दास और गायघाट निवासी उपेंद्र चौपाल की पुत्री रंगीला दास की शादी में दोनों पक्ष के लोग मौजूद थे. शादी की दूसरी खासियत यह रही कि यह विवाह अंतर्जातीय थी और वर पक्ष ने वधू पक्ष वालों से दहेज भी नहीं लिया.
विदाई से पूर्व अतिथियों से राशि व किसी तरह का उपहार भी नहीं लिया. संत रामपाल के शिष्य सीताराम दास ने कहा कि जिले में गुरु रामपाल के तीन हजार अनुयायी हैं. हमलोगों में जाति बंधन नहीं है. शादियां भी इसी तरह होती है. इसमें किसी तरह का रस्म नहीं होता. संत रामपाल दहेज प्रथा व नशा जैसी बुराइयों को समाज से जड़ से समाप्त कर रहे हैं व स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं. हमलोग भी उन्हीं के आदर्शों पर चलकर नये समाज का निर्माण कर रहे हैं. हमलोगों का एक ही आह्वान है कि जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा, हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा.