मुजफ्फरपुर की रहने वाली रेणु कभी बाल विवाह की वजह से घर छोड़ दिया था. लेकिन, आज उसके पूरे दुनिया में डंका बज रहा है. वो अब पूरे विश्व में हजारों-लाखों महिलाओं की आवाज बन चुकी हैं. जिस रेणु से उसके पिता ने चार साल तक बात नहीं किया था आज वो दुनिया भर की महिलाओं की आवाज बन चुकी है. उनके नाम का डंका बज रहा है. मुजफ्फरपुर के मिठानपुरा की रहने वालीं रेणु को हाल में ही G-100 ग्रुप का चेयरपर्सन बनाया गया है. यह ग्रुप दुनियाभर की प्रभावशाली महिलाओं का संगठन है, जो महिला के अधिकारों के लिए आवाज उठाता है.
मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा निवासी नागेंद्र पासवान चाहते थे कि उनकी बेटी की शादी जल्द से जल्द हो जाए. यही कारण था कि रेणु के मैट्रिक पास करते ही उसकी शादी तय कर दी, लेकिन रेणु को यह मंजूर नहीं था. उन्होंने शादी न करने का फैसला कर लिया. उनके फैसले से घर केलोग बेहद नाराज हुए. रेणु ने आगे की पढ़ाई जारी रखी. उन्होंने बेंगलुरु से बायोटेक्नोलॉजी किया और फिर साल 2008 में पुणे से MBA किया. उन्होंने 10 साल तक नौकरी भी की.
अब रेणु को G-100 ग्रुप में शामिल किया गया है. रेणु बिहार की रहने वाली पहली महिला है जिन्हें इसमें शामिल किया गया है. लैंगिक समानता के क्षेत्र में काम करने वाली रेणु ने जेंडर इक्वलिटी पर तीन किताबें लिखी हैं. इसके बाद उनकी पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने लगी.
G-100 एक इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म है, जो कि महिलाओं के सशक्तीकरण पर काम करता है. इसमें अलग-अलग क्षेत्र से जुड़ीं 135 देशों की महिला लीडर हैं, जो अलग-अलग देशों की महिलाओं के लिए मिलकर काम करती हैं. इस संगठन से 10 लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई हैं.