‍Bihar Crime: 45 हजार केस ‘गटक’ गये पुलिस पदाधिकारी, थाने और अधिकारी के पास से फाइल गायब

मुजफ्फपुर पुलिस अक्सर कार्यशैली को लेकर चर्चा में होती है. कभी दबंगई को लेकर तो कभी जांच में शिथिलता को लेकर. इस बार भी कुछ ऐसा ही मामला है. जिला पुलिस के पदाधिकारियों ने करीब 45 हजार से अधिक केस को ''गटक'' गये हैं, यानी पॉकेट डिस्पोजल कर दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 2, 2023 12:57 AM

सोमनाथ सत्योम, मुजफ्फरपुर

मुजफ्फपुर पुलिस अक्सर कार्यशैली को लेकर चर्चा में होती है. कभी दबंगई को लेकर तो कभी जांच में शिथिलता को लेकर. इस बार भी कुछ ऐसा ही मामला है. जिला पुलिस के पदाधिकारियों ने करीब 45 हजार से अधिक केस को ”गटक” गये हैं, यानी पॉकेट डिस्पोजल कर दिया है. अब कोर्ट के निर्देश पर इसकी खोजबीन शुरू हुई है, जिसके बाद एसएसपी जयंतकांत ने चार वरीय जवानों की एक टीम बनायी है, जो जिले के हर थानों में जाकर गायब केसों को खोजेगी. टीम ने काम करना भी शुरू कर दिया है. पहले काजी मोहम्मदपुर और अब सदर थाने में गायब केसों की फाइलें और उससे जुड़ी अद्यतन रिपोर्ट तैयार करने में लगी हुई है.

हर थानों में सात से आठ सौ मामले हैं गायब

औसतन हर थाना से चाहे वह ग्रामीण हो या शहरी सात से आठ सौ केस जांच-पड़ताल हुए बिना उसकी फाइल को पुलिस पदाधिकारी बंद कर चुके हैं. साथ ही उसकी फाइल भी गायब है. इस कारण न तो उसका रिकॉर्ड थाना में उपलब्ध है और न ही अफसरों के कार्यालय में फाइल है. उक्त सभी केस साधारण धाराओं की है, जिससे वादी और आरोपित पक्ष को विशेष फर्क नहीं पड़ रहा है. लेकिन, कोर्ट की लिस्ट में होने की वजह से केस फाइल और समय-समय पर कोर्ट रिकॉर्ड की मांग कर रहा है. एसएसपी का कहना है कि पुलिस कई तरह का काम करती है. केसों का रिकॉर्ड-बैंक तैयार होता है. इससे अपराध पर लगाम और बदमाशों को समय-समय पर सजा दिलाने में सहूलियत होती है.

एसएसपी ने खुद शुरू की पहल

सूत्रों की मानें तो पॉकेट डिस्पोजल किये गये केसों की खोजबीन की गयी है. साथ ही गोपनीय शाखा में तैनात पुलिस पदाधिकारियों से इसकी सूची तैयार करायी गयी. फिर चार वरीय जवानों को उक्त केसों को खोजने की जिम्मेदारी दी गयी है. इसके अलावा टीम को सभी कांडों से संबंधित हिस्ट्री भी प्रिंट कराकर दिया है.

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