बिहार की नीतीश सरकार ने प्रदेश में इंटरनेशनल स्तर का रिवर फ्रंट बनाने का फैसला किया है. इस परियोजना से जुड़े अधिकारियों की टीम अहमदाबाद के साबरमती और दिल्ली के यमुना रिवर फ्रंट का अध्ययन करने के लिए दिल्ली और गुजरात का दौरा करेगी. वहां यह टीमें तकनीक से लेकर खूबियों तक के एक-एक पहलू को देखेगी और उसके आधार पर बिहार में बनने वाले रिवर फ्रंट का डिजाइन तैयार करेगी. अधिकारियों के इस काम में दो साल पहले राष्ट्रीय स्तर पर गठित नदी-शहर गठबंधन के तहत बने निगमों से अहम टिप्स मिलेंगे. निर्माण या अन्य प्रक्रियाओं से जुड़ी चुनौती का पता चलने के साथ ही समस्या के समाधान का रास्ता भी मिलेगा. जिससे प्रोजेक्ट का डीपीआर फाइनल करने से लेकर निर्माण तक के काम में आसानी होगी.
प्रदेश के इस शहर को मिलेगा रिवर फ्रंट को तोहफा
यह रिवर फ्रंट बिहार के मुजफ्फरपुर के बूढ़ी गंडक नदी के किनारे पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा. बूढ़ी गंडक से जुड़ी घाटों को संवारा जाएगा. घाटों या आसपास के इलाकों में नियमित साफ-सफाई से लेकर लाइटिंग तक के इंतजाम किए जाएंगे. योजना के तहत बूढ़ी गंडक नदी के किनारे दादर कोल्हुआ घाट से लेकर बीएमपी 6 तक करीब आठ किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रोड का निर्माण भी होगा.
रिवर फ्रंट के निर्माण पर खर्च होगा 735 करोड़
रिवर फ्रंट के निर्माण के दौरान और उसके बाद भी नदी के पानी को निर्मल-स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त करने पर फोकस होगा. रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य पर 735 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसको लेकर पिछले सप्ताह निगम के स्तर से नगर विकास व आवास विभाग को प्रस्ताव भेजा जा चुका है. रिवर फ्रंट के जरिए शहर के विभिन्न इलाकों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी.
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रिवर फ्रंट में होगी फिशिंग एक्टिविटी की सुविधा: नगर आयुक्त
रिवर फ्रंट के निर्माण के बारे में बताते हुए मुजफ्फरपुर के नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने बताया कि मानकों के स्तर पर साबरमती या यमुना रिवर फ्रंट आदर्श है. उसे देखने-समझने को टीम जाएगी. हर पहलू की समीक्षा करके डिजाइन बनेगा. रीवर फ्रंट में फिशिंग एक्टिविटी व अन्य सुविधाएं भी होंगी.