मुजफ्फरपुर में डीजल अनुदान के आवेदनों की जांच शुरू, अब तक 120 आवेदन हुए अस्वीकृत
मुजफ्फरपुर में डीजल अनुदान के लिए कृषि विभाग के पोर्टल पर अब तक 4,704 आवेदन आए हैं. इसकी जांच में के बाद 127 आवेदनों को अनुदान के लिए स्वीकृति मिली है. इधर, खाद की कालाबाजारी को लेकर कई दिनों बाद टीम प्रखंडों में निरीक्षण को पहुंची. अलग-अलग प्रखंडों में एक दर्जन विक्रेताओं के गोदाम की जांच की गयी.
कृषि विभाग की ओर से डीजल अनुदान के आवेदनों की जांच शुरू हो गयी है. बुधवार तक विभाग के पोर्टल पर जिले डीजल अनुदान के लिए 4,704 ऑनलाइन आवेदन का डाटा जारी किया गया. जिला कृषि पदाधिकारी शीलाजीत सिंह ने बताया कि जांच में कृषि समन्वयकों द्वारा 127 आवेदनों को स्वीकृत किया जा चुका है. 120 आवेदन अस्वीकृत किया गया है. हर दिन आवेदनों की जांच जारी है. इधर, खाद की कालाबाजारी को लेकर कई दिनों बाद टीम प्रखंडों में निरीक्षण को पहुंची. अलग-अलग प्रखंडों में एक दर्जन विक्रेताओं के गोदाम की जांच की गयी. सूखा को लेकर कृषि विभाग की ओर से आकस्मिक फसल योजना को लेकर तैयारी शुरु कर दी गयी है. जल्द ही भूमि के सत्यापन का काम प्रखंडों में चालू होगा.
कृषि फीडर से पांच घंटे भी ठीक ढंग से नहीं मिल रही बिजली
जिले में धान के आच्छादन का प्रतिशत 91 फीसदी तक पहुंच गया है, लेकिन खेतों तक पानी पहुंचाने का कृषि विभाग जाे दावा कर रहा है, उस पर सवाल उठने लगे हैं. विभाग के अनुसार, पटवन के लिए कृषि फीडर से निर्बाध 16 घंटे तक किसानों को बिजजी उपलब्ध कराना है, लेकिन पांच से छह घंटे भी ठीक बिजली नहीं उपलब्ध करायी जा रही है. कांटी के किसान अनिल कुमार ने बताया कि चार से पांच घंटे ही बिजली मिलती है. वह भी दो से तीन घंटे के अंतराल पर आधा घंटे के लिए बिजली का आना-जाना लगा रहता है. सरैया के किसान अनमोल सिंह ने बताया कृषि फीडर के मॉनीटरिंग के अभाव में किसानों को परेशानी झेलना पड़ रही है.
कम बारिश से किसान परेशान
जिले में मानसून की कम बारिश होने से इलाके के किसान काफी निराश है. खेत में धान की फसल लगभग बर्बाद होने को है. हालांकि कुछ किसान खेत में पटवन करके फसल बचाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए सरकार के द्वारा डीजल अनुदान के रूप में आर्थिक मदद की जा रही है.