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मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के बर्न वार्ड में ऑक्सीजन खत्म, छह घंटे तक तड़पता रहा मासूम

तेजस्वी यादव के द्वारा राज्य में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए मिशन 60 कार्यक्रम की शुरूआत की गयी थी. इसके साथ ही, हाल ही में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए देशभर में मॉकड्रील का भी आयोजन किया गया था. इसमें ऑक्सीजन प्लान आदि की जांच की गयी थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2023 12:20 AM

तेजस्वी यादव के द्वारा राज्य में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए मिशन 60 कार्यक्रम की शुरूआत की गयी थी. इसके साथ ही, हाल ही में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए देशभर में मॉकड्रील का भी आयोजन किया गया था. इसमें ऑक्सीजन प्लान आदि की जांच की गयी थी. मगर रविवार को मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच स्थित बर्न वार्ड के इमरजेंसी में आग से झुलसा तीन साल का मासूम ऑक्सीजन के लिए छह घंटे तक तड़पता रहा. जब उसकी हालत खराब होने लगी तब परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद बच्चे को आनन-फानन में इमरजेंसी में भर्ती कराया गया. इसके बाद उसकी हालत में सुधार होने लगा. बच्चा सूर्यांश गायघाट का रहने वाला है.

अधीक्षक ने मांगा डॉक्टर और नर्स से जवाब

मामला जब एसकेएमसीएच के अधीक्षक बाबू साहब झा के संज्ञान में आया तो उन्होंने बर्न वार्ड में जिन डॉक्टर व नर्स की ड्यूटी थी, उनसे जबाव-तलब किया. उन्होंने कहा कि मामला गंभीर है, ऑक्सीजन की कमी नहीं है. बावजूद इसके ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने में क्यों देरी हुई, इसकी जानकारी मांगी गयी है. उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी गलती न हो इसका ध्यान रखने की सख्त हिदायत लोगों को दी गयी है. मामले में जवाब देह लोगों को पर कार्रवाई की जाएगी.

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सुबह नौ बजे हुआ था भर्ती, शाम तीन बजे तक नहीं मिला ऑक्सीजन

जानकारी के अनुसार, रविवार की सुबह नौ बजे गायघाट से आये तीन साल के बच्चे को भर्ती कराया गया था. उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. नर्स ने ऑक्सीजन लगाया, लेकिन सिलिंडर खाली था. इसके बाद ऑक्सीजन भरे सिलिंडर के लिए वार्ड ब्वॉय को भेजा गया. लेकिन, वह सिलिंडर लेकर नहीं आया. शाम तीन बजे तक बच्चे ऑक्सीजन नहीं मिला, इससे उसकी हालत खराब होने लगी. इसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. नर्स ने इसकी सूचना अस्पताल मैनेजर को दी. उसके बाद बच्चे को इमरजेंसी में लाकर ऑक्सीजन लगाया गया और उसका इलाज शुरू हुआ. अब उसकी हालत में सुधार है.

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