मुजफ्फपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर फिर लगा ग्रहण, हड़ताल पर पीएमसी, रुक गयी प्रोजेक्ट की मॉनीटरिंग
मुजफ्फपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर फिर ग्रहण लग गया है. पीएमसी हड़ताल पर चले गए हैं. पीएमसी की जुलाई 2021 में बहाली हुई थी. एक साल का कार्यकाल था. भुगतान नहीं होने से पीएमसी के टीम लीडर सहित इंजीनियरों ने छोड़ा काम दिया है.
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का डीपीआर बनाने से लेकर काम की मॉनीटरिंग करने वाली पीएमसी (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट) के अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर चले गये हैं. पीएमसी की नाराजगी किये गये काम का भुगतान नहीं होने और समय अवधि विस्तार (एक्सटेंशन) नहीं मिलने से है. पीएमसी के कर्मचारी शनिवार से हड़ताल पर हैं. सभी अधिकारी व कर्मचारी सोमवार को भी हड़ताल पर रहे. दरअसल, जुलाई 2021 में एक साल के लिए पीएमसी की बहाली हुई थी. 21 जुलाई को समय पूरा हो गया. एक्सटेंशन के लिए प्रस्ताव तत्कालीन नगर आयुक्त सह एमडी विवेक रंजन मैत्रेय ने नगर विकास एवं आवास विभाग को भेजा था. हालांकि, एक महीने बीतने के बाद भी विभाग से एक्सटेंशन नहीं मिला है. इस कारण वर्तमान प्रशासक सह एमडी आशुतोष द्विवेदी ने पेमेंट रोक दिया है. इससे पीएमसी के टीम लीडर से लेकर ऑफिस ब्वॉय तक के वेतन पर आफत हो गया है.
डीपीआर की राशि भी नहीं मिली, तीन करोड़ से ज्यादा है बकाया
एजेंसी का कहना है कि अब तक बैरिया बस टर्मिनल, जुब्बा सहनी पार्क आम्रपाली ऑडिटोरियम, एलएस कॉलेज के हेरिटेज बिल्डिंग को बचाने सहित स्पोर्ट्स एक्टिविटी बढ़ाने, खुदीराम फुटबॉल खेल मैदान के अलावा इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट आदि प्रोजेक्ट की डीपीआर पीएमसी ने तैयार किया है. ढाई सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि का प्रोजेक्ट तैयार किया. इसके एवज में साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा रुपये का भुगतान होना है. लेकिन, अब तक एक से डेढ़ करोड़ रुपये का ही भुगतान हुआ है.
क्या है पीएमसी का काम
पीएमसी का मुख्य काम प्रोजेक्ट का डीपीआर बना उसका टीएस (टेक्निकल सेक्शन) करा टेंडर करना है. इसके बाद चयनित एजेंसी की कार्यों की गुणवत्ता जांच से लेकर बिल सिस्टम को देखना है. एक साल में अब तक पीएमसी ने आधा दर्जन से ज्यादा प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की है.