मुजफ्फरपुर (मनियारी): मुरादपुर निवासी शोधार्थी मोहम्मद नाज ओजैर ने शनिवार को एक वार फिर से एक ऐसा डिवाइस बनाया है जो घरवालों की अनुपस्थिति में उनके गमलों और कैंपस में लगे पौधों को पानी देने का काम करता है जिसकी चर्चा चहुओर होने लगी है.
इस डिवाइस की खासियत यह है कि तापमान को अपने सेंसर के द्वारा गणना कर खुद ही यह डिवाइस यह निर्णय ले लेता है कि अब इस पौधे को पानी की जरूरत है. डिवाइस में एक सेंसर लगा है जिसका एक सिरा पौधे के पास लगे मिट्टी में सटा रहता है. यह सेंसर मिट्टी के तापमान की गणना कर डिवाइस को यह सूचना देता है कि अब मिट्टी का तापमान बढ़ चुका है. इसे पानी की जरूरत है. पौधे की क्षमता के अनुसार पानी मिट्टी में गिरने लगता है. जैसे ही मिट्टी का तापमान निश्चित तापमान पर पहुंच जाता है डिवाइस उस पानी को रोक देता है.
इससे पानी का दुरुपयोग भी रुकता है और पौधों की सुरक्षा भी हो जाती है. इसके पहले भी मक्का के छिलका से कप प्लेट बनाकर उन्होंने युवाओं को एक नई राह दिखाई थी. शनिवार को सिविल सर्जन उमेश चंद्र शर्मा ने डिवाइस के उक्त कार्यों को देखकर शोधार्थी नाज के उत्कृष्ट कार्य की सराहना की. कहा कि आने वाले समय में जल को बचाने के साथ साथ पौधों को भी बचाने में अपनी भूमिका निभाएगा.
समाजसेवी शशिरंजन सिंह ने कहा कि ये शोध पर्यावरण के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम करेगा. मौके पर महानंद तिवारी, ओजैर अहमद, रविरंजन, राजन, पंकज शर्मा, मनोज राय, रमेश मिश्रा, नन्हे मिश्रा, सौरभ, शिवम आदर्श ठाकुर, संत राज बिहारी आदि मौजूद थे.