मुजफ्फरपुर ट्रेजरी में रखे पुराने ज्यूडिशियल व नन ज्यूडिशियल स्टांप होगें नष्ट,जाने क्यों
मुजफ्फरपुर ट्रेजरी में रखे 25 साल पुराने ज्यूडिशियल व नन ज्यूडिशियल स्टांप को नष्ट किया जाएगा. इसके लिए अपर मुख्य सचिव ने आइजी रजिस्ट्रेशन की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया है. वैधानिक रूप से उपयोग में नहीं आने वाले मुद्रांक की सूची बना कर स्टांप पेपर को रद्द किया जाएगा.
ट्रेजरी (कोषागार) में रखे 25-30 साल पुराने ज्यूडिशियल व नन ज्यूडिशियल स्टांप नष्ट किये जायेंगे. विभागीय स्तर पर इसकी कवायद शुरू हो गयी है. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश के बाद निबंधन महानिरीक्षक (रजिस्ट्रेशन आइजी) की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कमेटी गठित की गयी है. इसमें वित्त विभाग के अधिकारी भी शामिल किये गये हैं. प्रमंडल स्तर पर सहायक महानिरीक्षक निबंधन (एआइजी रजिस्ट्रेशन) को मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी मिली है.
वैधानिक रूप से भी उनकी वैल्यू हो गयी है खत्म
दरअसल, सभी जिले के ट्रेजरी में बड़ी संख्या में 25-30 साल पुराने ज्यूडिशियल व नन ज्यूडिशियल स्टांप पेपर पड़े हुए हैं, जिनका आज की तिथि में कोई उपयोग नहीं है. वैधानिक रूप से भी उनकी वैल्यू खत्म हो गयी है. समीक्षा के दौरान जब यह मामला सामने आया, तो विभागीय अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने अप्रचलित मुद्रांक को विनिष्टीकरण के लिए जो भी प्रक्रिया अपनायी जानी चाहिए, गठित कमेटी से इसकी विस्तृत रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर समर्पित करने का आदेश दिया है. ट्रेजरी में एक रुपया से कम वैल्यू के सैकड़ों-हजारों ज्यूडिशियल व नन ज्यूडिशियल स्टांप पेपर पड़े हुए हैं, जिसकी वैल्यू अब पूरी तरह से खत्म हो चुकी है. इसमें 40 साल पहले का भी काफी स्टांप है.
पहले भी किये गए हैं स्टांप पेपर नष्ट
पहले भी विभाग के द्वारा पुराने और बेकार हो गए स्टांप पेपर को नष्ट किया जाता रहा है. ये एक विभागीय परिक्रिया है. इसके तहत ये कार्रवायी की जाएगी. विभाग के द्वारा समय-समय पर 25-30 साल पुराने ज्यूडिशियल व नन ज्यूडिशियल स्टांप पेपर पड़े ऐसे पेपर जिनकी वैधानिक रूप से भी उनकी वैल्यू खत्म हो गयी हो, उन्हें
समिति का गठन पर नष्ट कर दिया जाता है. हालांकि नष्ट किए गए पेपर की जानकारी और विषय को स्टोर रखा जाता है.