वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन से बढ़ेगी रिसर्च की गुणवत्ता

बीआरएबीयू के भौतिकी विभाग ने दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सिंपोजियम की शुरुआत की.

By Prabhat Khabar News Desk | December 14, 2024 8:38 PM

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

बीआरएबीयू के भौतिकी विभाग ने दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सिंपोजियम की शुरुआत की. विवि के सीनेट सभागार में “कंटेंपरेरी रिसर्च एंड इन्नोवेशंस इन फिजिकल साइंसेज एंड इनोवेशंस ” विषय विचार रखे गये. सिंपोजियम में कई विश्वविद्यालयों से पहुंचे वक्ताओं ने तकनीकी सत्र में शाेधार्थियों को संबोधित किया. बतौर मुख्य वक्ता आइयूएसी दिल्ली के निदेशक प्रो अविनाश चंद्र पांडेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. भारतीय ज्ञान परंपरा और नवाचार विषय पर उन्होंने कहा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम एंटेंगलमेंट, टेक्नोलॉजी इनेबलड माइंड, क्लाइमेट चेंज एवं पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पन्न क्लाइमेट चेंज की चुनौतियां बढ़ी हैं. वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन से रिसर्च के क्षेत्र में छात्रों व शिक्षकों को काफी लाभ मिलगा. भारत निर्मित कैविटी रिजोनेटर आज अमेरिका के फर्मी लैब में इस्तेमाल हो रहा है. आज के परिप्रेक्ष्य में स्वदेशी व भारत आधारित तकनीक को विकसित करने की जरूरत है ताकि दुनिया के अन्य देशों को हम तकनीक एवं इंस्ट्रूमेंटेशन जैसी सुविधा प्रदान कर सकें.

अक्षय ऊर्जा में अग्रणी देश बन सकता है भारत

उद्घाटन सत्र में विवि के कुलपति प्रो दिनेश चंद्र राय, एमएलसी प्रो संजय सिंह, उच्च शिक्षा निदेशक प्रो रेखा, कुलानुशासक प्रो बीएस राय, कुलसचिव प्रो अपराजिता कृष्णा, भौतिकी विभागाध्यक्ष सह सिंपोजियम के चेयरपर्सन प्रो ललन झा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. एमएलसी प्रो.संजय सिंह ने कहा कि शोध एवं नवाचार की दिशा में विवि के शिक्षकों व शोधार्थियों को लगातार काम करना होगा. वीसी प्रो दिनेश चंद्र राय ने कहा कि भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व का अग्रणी देश बन सकता है.उद्घाटन सत्र में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो रंजन सिंह ने कहा, बिहार प्रतिभा से पूर्ण राज्य है. बिहार के सर्वांगीण शैक्षणिक विकास के लिए उनकी भूमिका सुनिश्चित करने का अब समय आ गया है.

प्रश्नों के समाधान के लिए भी आगे आना होगा

भौतिक विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रो तारण राय ने कहा कि शिक्षकों का काम छात्रों व शोधार्थियों की जिज्ञासा को बढ़ाने व नवाचार में रूचि उत्पन्न करना है. उनके मस्तिष्क में चल रहे प्रश्नों का समाधान के लिए भी आगे आना होगा. विषय प्रवेश प्रो संगीता सिन्हा व मंच संचालन डॉ सर्वेश दुबे ने किया. डॉ पिनाकी लाहा, डॉ अर्चना, प्रो संजय , पटना विवि के डॉ अखिलेश गुप्ता, पाटलिपुत्र विवि के डॉ संतोष, प्रो प्रमेन्द्र रंजन, प्रो पंकज, प्रो अरुण, प्रो संजय, प्रो रमेश, प्रो अनिल ओझा, प्रो एके श्रीवास्तव, प्रो नित्यान्द सिंह अन्य शोधार्थी मौजूद थे.

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