जमीन पर नहीं उतरी स्वच्छता की नसीहत

मुजफ्फरपुर : सीन 1 : यह सीएस कार्यालय के सामने चिपकी जिला स्वास्थ्य समिति की नसीहत है, जो आम लोगों को स्वच्छता का संदेश दे रही है. इसी तरह की पट्टी अंदर भी चिपकी है. कार्यालय के आसपास इसका खयाल भी रखा गया है. इसके अलावा अस्पताल में स्वच्छता संबंधी संदेश कई जगहों पर दर्ज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2017 10:39 AM
मुजफ्फरपुर : सीन 1 : यह सीएस कार्यालय के सामने चिपकी जिला स्वास्थ्य समिति की नसीहत है, जो आम लोगों को स्वच्छता का संदेश दे रही है. इसी तरह की पट्टी अंदर भी चिपकी है. कार्यालय के आसपास इसका खयाल भी रखा गया है. इसके अलावा अस्पताल में स्वच्छता संबंधी संदेश कई जगहों पर दर्ज है, जिससे आने- जाने वालों को इसका महत्व पता चले.
सीन 2 : अस्पताल कैंपस की यह तस्वीर जनरल वार्ड के बगल की है. खाली पड़ी जमीन पर जंगल- झाड़ उग आये हैं. पिछले दिनों हुई बरसात का पानी अभी तक जमा है. वहीं झाड़ियों में जहरीले जंतुओं का बसेरा बन गया है. बरसात के मौसम में गंदगी के चलते यहां से संक्रामक बीमारियां मरीजों या उनके परिजनों को चपेट में लेने लगे, तो कोई अचरज नहीं होगा.
सीन 3 : सदर अस्पताल के व्यवस्था की कमान उपाधीक्षक के हाथ में होती है और उनके आवास के सामने का नजारा है. मुख्य रास्ते के पास ही कचरा जमा हो गया है. जहां डीएस आवास का बोर्ड लगा है, वहां जंगली घास उग आये हैं. आस- पास अन्य लोगों के भी आवास है, जहां उनका परिवार रहता है. इसके बाद भी सफाई की स्थिति पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है.
सदर अस्पताल परिसर की तीन तस्वीरें बहुत कुछ कह देती है. साफ-सफाई व स्वच्छता को लेकर जो नसीहतें अस्पताल की दीवारों पर चस्पा की गयी है, हैरानी की बात है कि वह खुद अस्पताल परिसर में ही जमीन पर नहीं दिख रही. स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पताल परिसर के सफाई की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को दी गयी है, लेकिन उसकी मॉनीटरिंग करने की भी फुर्सत किसी के पास नहीं है. स्थिति यह है कि जैसे-तैसे कार्यालय, चेंबर व वार्ड की सफाई हो पाती है. परिसर में कई जगह गंदगी का अंबार लगा है, जिसकी ओर किसी की नजर नहीं पड़ती. स्थिति यह है कि बरसात के मौसम में लोगों की सेहत सुधारने वाला सदर अस्पताल संक्रामक बीमारियों का केंद्र बन सकता है.

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