मोदी व नीतीश राज में दलितों व गरीबों पर बढ़ा हमला

मुजफ्फरपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन साल के कार्यकाल में रोजगार घटा. गरीबों की योजना में कटौती की गयी. किसानों को डेढ़ गुना फसल का समर्थन मूल्य नहीं मिला. लोगों को घर नहीं मिला. सत्ता में आने के बाद केंद्र सरकार किसानों पर गोलियां चलवा रही है. देश में सांप्रदायिकता बढ़ी है. उधर चंपारण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 19, 2017 5:15 AM

मुजफ्फरपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन साल के कार्यकाल में रोजगार घटा. गरीबों की योजना में कटौती की गयी. किसानों को डेढ़ गुना फसल का समर्थन मूल्य नहीं मिला. लोगों को घर नहीं मिला. सत्ता में आने के बाद केंद्र सरकार किसानों पर गोलियां चलवा रही है. देश में सांप्रदायिकता बढ़ी है. उधर चंपारण सत्याग्रह के नाम पर उत्सव मनाने वाली नीतीश सरकार हजारों एकड़ सीलिंग से फाजिल जमीन किसानों को नहीं बांट रही है. बिहार में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गयी है.

यहां बोर्ड से पास बच्चों को दूसरे राज्यों में हेय की दृष्टि से देखा जा रहा है. दोनों सरकार में दलित व गरीब पर हमले बढ़े है. उक्त बातें ऐपवा राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने रविवार को कही. वे गाइडेंस आइटीआइ इंस्टीच्यूट में भाकपा (माले) के कार्यकर्ता कन्वेंशन में बोल रही थीं. इसमें खेग्रामस के सदस्यता अभियान, भूमि अधिकार संघर्ष व पार्टी के 10वें महाधिवेशन की तैयारी पर चर्चा हुई. वक्ताओं ने कहा कि भाजपा का सांप्रदायिक अभियान सुदूर देहात में पहुंच गया है. नीतीश राज में रोहुआ में परचा प्राप्त किसानों की जमीन छीनी जा रही है.

राजस्थान में स्वच्छता अभियान के नाम पर महिलाओं की अभद्र तसवीरें खींची गयी, इसका विरोध मजदूरों के राष्ट्रीय नेता जफर हुसैन ने किया, तो उनकी हत्या कर दी गयी. इसको लेकर 19 व 20 जून को राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद का निर्णय लिया गया. अंत में विभिन्न प्रखंडों से आये कार्यकर्ताओं ने खेग्रामस अभियान की रिपोर्ट रखी. मुख्य वक्ताओं में राज्य कमेटी सदस्य शत्रुघ्न सहनी, रामबालक सहनी, रामनंदन पासवान, रामबली मेहता, बिंदेश्वर साह, वीरेंद्र पासवान, शर्मिला देवी, शारदा, रामसकल दास, सकल ठाकुर, परशुराम पाठक, मनोज, महेश महतो, संजय दास, कुसमी देवी, चंद्रकला देवी, राज किशोर आदि शामिल थे.

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