सीएस का किया घेराव, प्रदर्शन

मुजफ्फरपुर. बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर कर्मचारियों ने बुधवार को सीएस का घेराव किया. डीएचएस भवन में सीएस डॉ ललिता सिंह बैठी थीं, तभी कर्मचारियों ने मुख्य द्वार पर प्रदर्शन शुरू कर दिया. करीब ढाई घंटे तक कर्मचारियों की धरनासभा चली. संघ के प्रतिनिधि मंडल ने विभिन्न मांगों पर सीएस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2017 8:48 AM
मुजफ्फरपुर. बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर कर्मचारियों ने बुधवार को सीएस का घेराव किया. डीएचएस भवन में सीएस डॉ ललिता सिंह बैठी थीं, तभी कर्मचारियों ने मुख्य द्वार पर प्रदर्शन शुरू कर दिया. करीब ढाई घंटे तक कर्मचारियों की धरनासभा चली. संघ के प्रतिनिधि मंडल ने विभिन्न मांगों पर सीएस से वार्ता की. इस पर सीएस ने आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया. धरनासभा के दौरान कर्मचारी नेताओं ने आगाह किया कि उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन को और तेज किया जायेगा. साथ ही 23 जून से दो जुलाई तक सीएस कार्यालय के समक्ष प्रखंडवार धरना दिया जायेगा.

कर्मचारियों ने सुबह अस्पताल रोड स्थित संघ भवन से जुलूस निकाला. यह पोस्टऑफिस, समाहरणालय, कंपनीबाग होते हुए सदर अस्पताल सीएस कार्यालय के सामने पहुंचा. कार्यालय में सीएस मौजूद नहीं थीं. इसी बीच जानकारी मिली कि सीएस डॉ ललिता सिंह डीएचएस भवन स्थित कार्यालय में बैठी हैं. सभी कर्मचारी नारेबाजी करते हुए डीएचएस भवन पहुंच गये. अध्यक्षता करते हुए बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ सेवांजलि के राज्य अध्यक्ष शंभू शरण ठाकुर ने कहा कि बकाया वेतन का भुगतान नहीं होने पर आंदोलन और तेज किया जायेगा.

सभा को राष्ट्रीय परिसंघ के कोषाध्यक्ष शत्रुघ्न पांडेय, महासंघ के कोषाध्यक्ष शंभु प्रसाद सिंह, महामंत्री एटक भरत झा, वरीय अधिवक्ता मो युनूस ने संबोधित किया. जुलूस का नेतृत्व संघ की जिला मंत्री कुमारी शोभा, अध्यक्ष कौशल किशोर सिंह, संयुक्त मंत्री विभाग कुमारी, रंजना कुमारी, उपाध्यक्ष उमेश प्रसाद श्रीवास्तव व कुमारी रेणु ने किया.
कर्मचारियों की ये हैं मांगें :कर्मचारियों का एक वर्ष से बकाया वेतन का भुगतान किया जाये, सेवा संपुष्टि, एमएसीपी 10,20,30 वर्षों की स्वीकृति, चतुर्थवर्गीय कर्मी को तृतीय वर्ग में पदोन्नति, असामाजिक तत्वों द्वारा विभिन्न पीएचसी व एडिशनल पीएचसी के कर्मियों पर हमला व गाली-गलौज करने के मामलों को गंभीरता से लेते हुए प्रशासनिक कार्रवाई की जाये, तकनीकी कर्मियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण से मुक्त किया जाये, संविदा कर्मियों को नियमित किया जाये व संविदाकर्मी एएनएम को सरकार द्वारा स्वीकृत 17500 रुपये मानदेय दिया जाये.

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