हत्या मामले में पूर्व मुखिया समेत 12 लोगों को मिला तीन वर्ष का सश्रम कारावास
मुजफ्फरपुर : हत्या मामले की सुनवाई कर रहे एडीजे-1 जनार्दन त्रिपाठी ने पूर्व मुखिया समेत 12 लोगों को दोषी पाते हुए तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुना देते हुए सभी अभ्युक्तों को जेल भेज दिया. सजायाफ्ता अभ्युक्तों में हथौड़ी थाने के भवानीपुर निवासी व पूर्व मुखिया देवनरायण प्रसाद, उनके पुत्र गुरू राय, पप्पू […]
मुजफ्फरपुर : हत्या मामले की सुनवाई कर रहे एडीजे-1 जनार्दन त्रिपाठी ने पूर्व मुखिया समेत 12 लोगों को दोषी पाते हुए तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुना देते हुए सभी अभ्युक्तों को जेल भेज दिया. सजायाफ्ता अभ्युक्तों में हथौड़ी थाने के भवानीपुर निवासी व पूर्व मुखिया देवनरायण प्रसाद, उनके पुत्र गुरू राय, पप्पू राय, उनका भतीजा व औराई प्रखंड के पूर्व प्रमुख स्वर्गीय सत्यनरायण राय के पुत्र अरुण राय, अशोक राय, अजय राय, विनय राय और गांव के जवाहिर राय, सोनेलाल राय, हरिवंश राय, रामबहादुर राय और धरीक्षण राय शामिल हैं.
वर्ष 1996 में हुई थी कृष्णदेव सहनी की हत्या
हथौड़ी थाने क्षेत्र के भवानीपुर गांव में वर्ष 1996 में कृष्णदेव सहनी की हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में थाने के चौकीदार रामपदार्थ ठाकुर के बयान पर हथौड़ी पुलिस ने अज्ञात भीड़ के विरुद्ध मामला दर्ज किया था. चौकीदार ने बयान में कहा था कि कृष्णदेव सहनी अपराधिक प्रवृत्ति का आदमी था, जो वाहन लूट की घटना को अंजाम दे रहा था. इसी दौरान अज्ञात भीड़ के हत्थे चढ़ गया और भीड़ की पिटाई से उसकी मृत्यु हो गयी. इसके बाद हथौड़ी पुलिस ने मामले मे फाइनल फार्म न्यायालय में समर्पित कर दिया.
मृतक की नानी के विरोध पत्र पर अदालत ने लिया था संज्ञान
मृतक की नानी गोनौरी देवी ने अदालत में दिये विरोध पत्र मे कहा था कि मुझे कोई संतान नहीं है. सिर्फ मुझे एक नाती कृष्णदेव सहनी था, जो बचपन से मेरे पास ही रहता था. सात मई, 1996 की रात में मेरा नाती घर खाना खा रहा था, इसी बीच गांव के पूर्व मुखिया देवनरायण प्रसाद व अन्य आरोपित हरवे हथियार से लैस होकर मेरे दरवाजे पर आये और मेरे नाती को घेर कर पैर में गोली मार दी. इसके बाद वह जान बचा कर गांव के तपेश्वर सहनी के घर की तरफ भागा, तो वहां भी उसे खदेड़ते हुए सभी पहुंच गये. मेरा नाती खेत की ओर भागा, जहां आरोपितों ने उसकी गर्दन में गोली मार दी और मोटरसाइकिल में बांध कर पंचायत भवन ले गये. उसकी गर्दन लाठी पर लाठी चढ़ा कर दबा दी गयी, जिससे घटनास्थल पर ही मेरे नाती की मौत हो गयी. मैं जब थाने में मामला दर्ज कराने गयी, तो थानेदार ने मामला दर्ज नहीं किया और चौकीदार के बयान पर झूठा मामला दर्ज कर लिया. घटना का कारण है कि वर्ष 1996 में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रमुख सत्यनारायण राय मेरे नाती को कहते थे कि तुम अपनी बिरादरी के लोगों को कहो कि जनता दल के पक्ष में वोट दें. जबकि, मेरा नाती कांग्रेस के पक्ष मे प्रचार कर रहा था.