11 टेबुल पर गिनती, तीन खाली

मुजफ्फरपुर: शिक्षक निर्वाचन की मतगणना के लिए 14 टेबुल की व्यवस्था थी, लेकिन कम मत के कारण 11 टेबुल पर ही गिनती करायी गयी. शिक्षक निर्वाचन के लिए कुल 5480 मत मिले थे. गणना के लिए एक टेबुल पर 500 का बंडल बनाया गया. इसकी गिनती 11 टेबुल पर शुरू की गयी. 57 बूथों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2014 10:12 AM

मुजफ्फरपुर: शिक्षक निर्वाचन की मतगणना के लिए 14 टेबुल की व्यवस्था थी, लेकिन कम मत के कारण 11 टेबुल पर ही गिनती करायी गयी. शिक्षक निर्वाचन के लिए कुल 5480 मत मिले थे. गणना के लिए एक टेबुल पर 500 का बंडल बनाया गया. इसकी गिनती 11 टेबुल पर शुरू की गयी. 57 बूथों की 93 मतपेटियों के वोट को मिक्स करने के बाद वोट की गिनती शुरू की गयी. बंडल बनाने के दो घंटे में मतों की गिनती का काम पूरा कर लिया गया. हालांकि अंतिम परिणाम की घोषणा होते-होते शाम हो गयी.

वैसे प्रथम वरीयता के वोट की गिनती शुरू होने के साथ ही रुझान मिलने लगे थे. भाकपा प्रत्याशी संजय कुमार सिंह के चुनाव एजेंट बंडल में वोट की संख्या का अनुमान कर खुश दिख रहे थे. इधर, जीत के लिए आश्वस्त दिख रहे नरेंद्र सिंह के समर्थकों की बेचैनी बढ़ी हुई थी. गिनती आगे बढ़ने के साथ उनके चेहरे पर शिकन आना शुरू हो गया. अंतिम परिणाम आने तक अधिकांश समर्थक वापस लौट चुके थे. उधर, रिजेक्ट वोट को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी. उम्मीदवार के नाम के सामने रोमन के स्थान पर अंक में एक व दो लिखे जाने पर आपत्ति जतायी गयी. बाद में एआरओ सह वैशाली डीएम विनोद गुंजियाल की ओर से हरी झंडी देने के बाद फिर से वोट की गिनती की गयी. इसके बावजूद कुल मत 5480 में से 240 मत अवैध घोषित कर दिये गये.

39 ने दबाया नोटा बटन : शिक्षक निर्वाचन में 39 मतदाताओं ने नन ऑफ द एबव का बटन दबाया. मतलब इन मतदाताओं ने किसी को वोट नहीं दिया है. बता दें कि सूबे में पहली बार किसी चुनाव में नोटा का मतदाताओं ने उपयोग किया है. नोटा के वोट को लेकर मतगणना कर्मियों से अन्य लोगों के बीच उत्सुकता थी. कुछ लोग यह भी पता लगाने में लगे हुए थे कि नोटा का बटन किसने दबाया.

माइक पर घोषणा नहीं होने से नाराजगी : शिक्षक व स्नातक की मतगणना का माइक से घोषणा नहीं किये जाने पर प्रत्याशियों के समर्थकों ने नाराजगी जाहिर की. आयुक्त कार्यालय के पीछे वाले गेट के सामने समर्थकों ने हंगामा किया. इन लोगों का कहना था कि चुनाव आयोग के आदेश की अवहेलना की गयी है. मतगणना के दौरान एक बार भी घोषणा नहीं करना नियमों का उल्लंघन है. लोगों के हंगामा की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे एसडीओ ने आक्रोशित लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोग कुछ समझने के तैयार नहीं थे.

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