14 अधिकारी दबाये बैठे हैं जुर्माने के 1.61 लाख, आधे अन्यत्र हैं कार्यरत

मुजफ्फरपुर: लोक सेवा के अधिकार (आरटीपीएस) का जिले में बुरा हाल है. यहां न तो समय पर मामलों का निष्पादन हो पा रहा है, न ही प्रशासन देरी के कारण लगाये गये जुर्माने की राशि ही दोषियों से वसूल पा रहा है. फिलहाल 14 अधिकारी मिल कर जुर्माने की एक लाख 61 हजार 830 रुपये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2017 10:49 AM
मुजफ्फरपुर: लोक सेवा के अधिकार (आरटीपीएस) का जिले में बुरा हाल है. यहां न तो समय पर मामलों का निष्पादन हो पा रहा है, न ही प्रशासन देरी के कारण लगाये गये जुर्माने की राशि ही दोषियों से वसूल पा रहा है. फिलहाल 14 अधिकारी मिल कर जुर्माने की एक लाख 61 हजार 830 रुपये दबाये बैठे हैं. इसमें एक अधिकारी पर चार व दो अधिकारियों पर दो-दो मामलों में जुर्माना लगाया गया है. जो अधिकारी जुर्माने की राशि दबाये बैठे हैं, उसमें से सात फिलहाल दूसरे जिलों में कार्यरत हैं. उसमें से कुछ को प्रोन्नति भी मिल चुकी है. जुर्माने की राशि की वसूली के लिए जिला प्रशासन संबंधित जिलों के डीएम को पत्र भी भेजा है.
बांकी के जिन सात अधिकारियों पर जुर्माने की राशि बकाया है, उसमें से पांच अधिकारियों का तबादला जिले के ही दूसरे अंचल या प्रखंड में हो चुका है. ऐसा नहीं है कि जुर्माने की राशि वसूली में जिला पूरी तरह ‘फिसड्डी’ है. पिछले साल से अब तक 24 मामलों में नौ सीओ, 13 बीडीओ व दो लिपिक से एक लाख छह हजार रुपये की वसूली भी हुई है.
1057 मामलों में अधिकारी कार्रवाई की जद में : देरी पर जुर्माना लगाये जाने के बावजूद जिले में आरटीपीएस के मामलों के निष्पादन में अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं. गुरुवार तक जिले के अलग-अलग प्रखंड व अंचल कार्यालयों में 10,851 आवेदन लंबित हैं. इसमें से 1057 मामलों के निष्पादन के लिए तय समय सीमा भी समाप्त हो चुकी है. यानी, इन मामलों में संबंधित अधिकारी या कर्मचारी पर जुर्माना लगाया जा सकता है. इसमें से 966 मामले दाखिल खारिज से संबंधित हैं. पूर्व में दाखिल खारिज के संबंध में अंचलों से गलत रिपोर्ट भेजी जाती थी. आवेदन लंबित होने के बावजूद उसे निष्पादित दिखा दिया जाता था. इसे रोकने के लिए प्रशासन ने एक नयी पहल की है. इसके तहत अंचल कार्यालय में दाखिल खारिज के मामलों के निबटारे के बाद शुद्धि पत्र अब ‘इ-ब्लाॅक’ वेबसाइट पर अपलोड करना होता है.

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