मुजफ्फरपुर : बिहार में सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में शनिवार को राजद नेता व सीवान के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन के साथ छह आरोपितों की सीबीआइ के विशेष कोर्ट में पेशी हुई. दिल्ली के तिहाड़ जेल से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये पूर्व सांसद ने नार्को व पॉलीग्राफी टेस्ट कराने से इनकार कर दिया. सांसद के अधिवक्ता दिलीप कुमार ने लिखित आवेदन दाखिल करते हुए कहा कि नार्को व ब्रेन मैपिंग टेस्ट स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. साथ ही मानवाधिकार का उल्लंघन भी है. ऐसे में सीबीआइ की ओर से दाखिल आवेदन खारिज करने योग्य है. सीबीआइ ने जवाब देने के लिए न्यायालय से समय की मांग की. इस पर न्यायालय ने सीबीआइ को 21 जुलाई का समय दिया है.
पूर्व सांसद के अधिवक्ता ने बताया कि शहाबुद्दीन ने कोर्ट के समक्ष सीबीआइ की जांच पर सवाल उठाया है. उन्होंने बताया कि अक्तूबर 2016 में ही मो कैफ व एक अन्य आरोपित शहाबुद्दीन का पॉलीग्राफी ने नार्को टेस्ट के लिए मंजूरी दी थी. कोर्ट की ओर से इसे लेकर रिमांड भी कर दिया गया. लेकिन आज तक सीबीआइ ने दोनों का नार्को टेस्ट नहीं कराया है. पूर्व सांसद ने कहा कि जब मैं सीबीआइ के 50-60 प्रश्नों का जवाब दे चुका हूं, तो फिर लाइ डिटेक्टर, पॉलीग्राफी टेस्ट का क्या औचित्य है. बता दें कि पांच जून को सीबीआइ ने कोर्ट से नार्को, पॉलीग्राफी व ब्रेन मैपिंग सहित चार टेस्ट के लिए पूर्व सांसद का चार दिनों का रिमांड मांगा था.