नगर आयुक्त के मुंह में ठूंसा रसगुल्ला, धक्का-मुक्की की
िनगम बोर्ड की बैठक. हंगामा शुरू होते ही िनकल गये मेयर नगर आयुक्त के साथ की गयी हाथापाई से अफरा-तफरी आधा घंटे तक बिगड़ा मीटिंग हाल का माहौल बैठक से निकले नगर आयुक्त को पेंशनरों ने घेरा पेंशनरों ने भी नगर आयुक्त से की धक्का-मुक्की मुजफ्फरपुर : मेयर, डिप्टी मेयर व पार्षदों के स्वागत में […]
िनगम बोर्ड की बैठक. हंगामा शुरू होते ही िनकल गये मेयर
नगर आयुक्त के साथ की गयी हाथापाई से अफरा-तफरी
आधा घंटे तक बिगड़ा मीटिंग हाल का माहौल
बैठक से निकले नगर आयुक्त को पेंशनरों ने घेरा
पेंशनरों ने भी नगर आयुक्त से की धक्का-मुक्की
मुजफ्फरपुर : मेयर, डिप्टी मेयर व पार्षदों के स्वागत में बुलायी गयी नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक में शनिवार को जम कर हंगामा हुआ. सशक्त स्थायी समिति में लिये गये निर्णयों को बोर्ड की बैठक में नहीं रखने पर पार्षदों ने नाराजगी दिखायी. इसके बाद मेयर सुरेश कुमार बैठक से उठ चले गये. इससे आक्रोशित पार्षदों ने नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन को घेर लिया. उनसे बैठक रद्द करने की मांग करने लगे. बाद में पार्षदों ने जबरन नगर आयुक्त से पार्षदों की उपस्थिति पंजी पर बैठक रद्द करने की बात लिखवायी.
इस दौरान नगर आयुक्त के साथ धक्का-मुक्की व हाथापाई भी की गयी. इसके बाद पार्षदों ने नगर आयुक्त पर रसगुल्ले फेंके. कुछ महिला पार्षदों ने नगर आयुक्त को घेर जबरन मुंह में रसगुल्ला ठूंस दिया. इससे बच कर नगर आयुक्त किसी तरह से बाहर निकले और जिला परिषद ऑफिस के लिए रवाना हो गये.
हंगामे के कारण करीब आधे घंटे तक मीटिंग हॉल से लेकर सड़क तक अफरा-तफरी
नगर आयुक्त के मुंह
का माहौल रहा. पार्षद व कर्मचारी इधर-उधर भागने लगे. नगर आयुक्त किसी तरह भीड़ से निकलने की कोशिश में थे, लेकिन नाराज पार्षदों ने उन्हें 20 मिनट तक घेरे रखा. सुरक्षाकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद जब उन्हें हॉल से बाहर निकाला, तो बकाया एरियर भुगतान को लेकर नारेबाजी कर रही महिलाओं ने उन्हें घेर लिया. यहां भी नगर आयुक्त से धक्का-मुक्की की गयी. इस दौरान नूरबानो नाम की महिला फर्श पर गिर गयी. उसे रौंदते हुए भीड़ आगे बढ़ गयी. इसमें महिला का पैर टूट गया है. बाद में डिप्टी मेयर व अन्य निगम कर्मियों ने सदर अस्पताल में उसे इलाज के लिए भरती कराया.
भाग कर गाड़ी में बैठे नगर आयुक्त
पार्षदों की नाराजगी व हंगामे के बाद बिगड़े माहौल को देख नगर आयुक्त दौड़ते हुए सीढ़ी से नीचे उतरे. वे आम्रपाली ऑडिटोरियम के बाहर खड़ी गाड़ी की ओर तेजी से चढ़ कर भागे. इस दौरान एरियर भुगतान को लेकर हंगामा कर रहीं महिलाकर्मी व पेंशनरों की पत्नियां नगर आयुक्त की गाड़ी के सामने आ गयीं. इससे पार्क के सामने कुछ देर के लिए के लिए भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हाे गयी. नगर आयुक्त भाग कर किसी तरह गाड़ी में बैठे, लेकिन महिलाएं उन्हें जाने नहीं देना चाहती थीं. वह गाड़ी के पीछे दौड़ रही थीं, जिन्हें निगम कर्मी हटाने में लगे थे.
परिचय, स्वागत व भाषण तक सीिमत रही बैठक
मेरी छाती पर बैठ गये, नाक-मुंह बंद कर दिया, फैट मारने लगे
मे रा नाम रमेश प्रसाद रंजन, उम्र करीब 55 वर्ष. पिता स्व. दशरथ राम, साकिन व थाना, छातापुर, जिला सुपौल है. मैं वर्तमान में नगर आयुक्त, मुजफ्फरपुर के पद पर पदस्थापित हूं. मैं आज दिनांक 15 जुलाई, दिन शनिवार को दिन में डेढ़ बजे जुब्बा सहनी पार्क के पास ऑडिटोरियम के प्रथम तल के सभागार में बयान देता हूं कि आज नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक थी. करीब साढ़े ग्यारह बजे बोर्ड की बैठक प्रारंभ हो गयी. इसमें सभी वार्ड पार्षद मौजूद थे. कार्यवाही सुचारु रूप से चल रही थी कि अचानक कुछ वार्ड पार्षद हो-हंगामा करने लगे. महापौर तथा मैं शांत रहने का अनुरोध करने लगे, लेकिन वे लोग नहीं माने. हंगामा बढ़ता देख
मेरी छाती पर
करीब एक बजे महापौर बैठक स्थगित कर जाने लगे. मैं भी पीछे से निकलने लगा कि वार्ड- 28 के पार्षद राजीव कुमार पंकू, वार्ड- 10 के अभिमन्यु चौहान, वार्ड- 27 के अजय कुमार ओझा व तारिणी पासवान ने दस-पंद्रह अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर रोक लिया. जबरदस्ती दबाव देने लगे कि बैठक के बारे में रद्द लिखिये. मैं बोला कि मेयर साहब ने बैठक स्थगित की है. मैं रद्द नहीं लिख सकता हूं. इतने में राजीव कुमार पंकू जान मारने के लिए मेरा गला दबा दिया.
जिस कारण मेरी सांस रुकने लगी. मैं गिर गया. इतने में अभिमन्यु कुमार मेरे छाती पर चढ़कर जान से मारने के लिए छाती हुमचने तथा फैट-मुक्का से मारने लगे. अजय कुमार ओझा हाथ एवं पैर खीचने लगा. तीनों मिलकर कहा कि अपशब्द कहने लगे, ऑफिसर बनता है. छोटा जाति को हमलोग ऑफिसर नहीं मानते हैं. चुपचाप दस्तखत कर दो कि बैठक रद्द की जाती है. मेरा रजिस्टर भी छीन लिया. कमीज फाड़ दी. तारिणी पासवान अपने दस-पंद्रह अज्ञात लोगों को ललकार फैट-मुक्का से मारपीट करवाया.
स्वयं तारिणी पासवान अपशब्द बोलने लगे. कहने लगे जान कैसे मारा जाता है. मैं अच्छी तरह से जानता हूं. तारिणी पासवान ने मेरा मुंह एवं नाक चाप कर बंद कर दिया. मैं छटपटाने लगा. तारिणी पासवान ने हाथ को पकड़ मरोड़ दिया. यहां पर उपस्थित कुछ पार्षदों ने मिलकर मेरी जान बचायी. वे लोग घटना को देखे हैं. सभी मिलकर धमकी दिया है कि जहां देखेंगे वहां हत्या कर देंगे.
बचानेवाले वार्ड पार्षदों में मो जावेद अख्तर उर्फ गुड्डू, शेरू अहमद, राकेश कुमार सिन्हा पप्पू, राकेश कुमार एवं अन्य थे. घटना की सूचना पाकर आप पुलिस पदाधिकारी आ गये, जहां मैं अपना बयान देता हूं. यही मेरा बयान है, जिसे मैंने पढ़ व समझ लिया है.
रमेश प्रसाद रंजन
नगर आयुक्त, मुजफ्फरपुर
तीन पार्षदों समेत चार नामजद
15 अज्ञात को भी बनाया आरोपित
जान से मारना चाहते थे आरोपित
चार पार्षदों ने बचायी मेरी जान
आरोपितों ने दी हत्या की धमकी