मुजफ्फरपुर : पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में राजद नेता व सीवान के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन समेत पांच आरोपितों की शुक्रवार को सीबीआई के विशेष कोर्ट में दिल्ली के तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई. सीबीआई हत्याकांड मामले में मो शहाबुद्दीन का ब्रेन मैपिंग व नार्को टेस्ट कराना चाहती है, इसलिए रिमांड पर लिये जाने विशेष अदालत में आवेदन दी है. प्रभारी न्यायाधीश दिव्या वशिष्ठ के समक्ष पेशी के दौरान दिल्ली के तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पूर्व सांसद ने नार्को और पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए अपना पक्ष रखा. सीबीआई ने अदालत में पांच जून को आवेदन देकर नार्को, पॉलीग्राफ, ब्रेन मैपिंग टेस्ट सहित चार टेस्ट के लिए पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन को चार दिनों का रिमांड मांगा था.
पूर्व सांसद के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट
पेशी के दौरान मो शहाबुद्दीन की ओर से अधिवक्ता दिलीप कुमार ने अदालत को बताया कि नार्को व ब्रेन मैपिंग टेस्ट स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है. यह मानवीय अधिकारों का भी उल्लंघन है. इसलिए सीबीआई की ओर से दाखिल आवेदन खारिज करने योग्य है. इसके बाद सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक एच खान ने सीबीआई का पक्ष रखा. पूर्व सांसद की ओर से उनके अधिवक्ता ने आपत्ति दर्ज कराते हुए सीबीआई की अर्जी खारिज करने का आग्रह किया. इसके बाद सुनवाई पूरी नहीं होता देख अदालत ने सुनवाई के लिए 31 जुलाई की तिथि निर्धारित कर दी.
सीबीआई की जांच के रवैये पर उठाया सवाल
राजद नेता मो शहाबुद्दीन के वकील दिलीप कुमार ने कहा कि शहाबुद्दीन ने कोर्ट के समक्ष सीबीआई के जांच के रवैये पर सवाल उठाया है. पूर्व सांसद ने कहा कि अक्तूबर 2016 में ही मो कैफ व एक अन्य आरोपित ने नार्को टेस्ट के लिए मंजूरी दे दी थी. कोर्ट की ओर से रिमांड पर दिया गया, लेकिन आज तक सीबीआई ने उन दोनों का नार्को टेस्ट नहीं कराया. जब मैंने सीबीआई के 50-60 प्रश्नों का सकारात्मक उत्तर दे चुका हूं, तो फिर नार्को और पॉलीग्राफी टेस्ट का औचित्य ही क्या है.
कड़ी सुरक्षा के बीच अन्य पांच आरोपितों की हुई पेशी
लड्डन मिया को छोड़ कर अन्य पांच आरोपितों को भी विशेष कोर्ट में पेश किया गया. पेशी के लिए मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल से पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के साथ सोनू कुमार गुप्ता, राजेश कुमार, रिशु कुमार, रोहित कुमार सोनी व विजय कुमार गुप्ता को विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया.
क्या है मामला
सीवान के स्टेशन रोड में बीते वर्ष 13 मई की रात पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. उनकी पत्नी आशा रंजन के बयान पर अज्ञात अपराधियों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. पुलिस जांच के बाद लड्डन मियां को मुख्य आरोपित बनाते हुए अन्य को आरोपित किया गया था. गिरफ्तारी के बाद सीबीआई की विशेष न्यायालय में पेशी के लिए मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल लाया गया. यहां पहले से हत्याकांड के अन्य आरोपित बंद हैं. हत्याकांड के आरोपित मो कैफ व जावेद मियां जमानत पर हैं. सीबीआई की विशेष अदालत ने लड्डन मियां समेत अन्य सभी आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.