जनता से बड़ा मास्टर कोई नहीं : शरद
मुजफ्फरपुर : जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने महागंठबंधन टूटने पर नाराजगी जतायी है. उन्होंने कहा कि गठबंधन सिर्फ पार्टियों के बीच नहीं हुआ था, बल्कि यह जनता के साथ करार था. गठबंधन टूटना जनता के विश्वास का टूटना है. उनके मन को चोट लगी है. मुझे भी लगी है. वे गुरुवार को […]
मुजफ्फरपुर : जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने महागंठबंधन टूटने पर नाराजगी जतायी है. उन्होंने कहा कि गठबंधन सिर्फ पार्टियों के बीच नहीं हुआ था, बल्कि यह जनता के साथ करार था. गठबंधन टूटना जनता के विश्वास का टूटना है. उनके मन को चोट लगी है. मुझे भी लगी है. वे गुरुवार को ‘जनता से संवाद यात्रा’ के क्रम में मुजफ्फरपुर पहुंचे थे. उनके साथ जदयू नेता व पूर्व मंत्री रमई राम, पूर्व सांसद अर्जुन राय, सोनपुर विधायक
जनता से बड़ा
डॉ रामानुज राय, एमएलसी विजय वर्मा भी थे. बागी तेवर के कारण जदयू से निकाले जाने की चर्चा के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी मैंने व देवीलाल ने मिल कर बनायी थी. कौन क्या कहता है, मैं नहीं सुनता और न ही मैं उसका जवाब दूंगा. मैं राजनीति जनता के बीच जाकर करता हूं. उससे बड़ा मास्टर कोई नहीं है. इस यात्रा पर भी मैं अकेला ही निकला हूं. मैंने किसी को आने के लिए नहीं कहा. लोग चाहेंगे, तो मैं मिलूंगा. राज्यसभा सांसद ने बिहार, उत्तरप्रदेश का पश्चिमी इलाका,
पूर्वांचल व गोंडवाना को आंदोलन का इलाका बताया. कहा, जब पूरे देश में एनडीए जीत रही थी, तब यहां की जनता के दो-तिहाई बहुमत देकर महागंठबंधन को जीताया. यह जीत इस मायने में भी महत्वपूर्ण कि महागंठबंधन के खिलाफ पूरी केंद्र सरकार प्रचार कर रही थी. 26 हेलीकॉप्टर का प्रयोग हुआ. हमने एक हेलीकॉप्टर से प्रचार किया. मैंने खुद डेढ़ महीने तक यहां रह कर महागंठबंधन के नेताओं के पक्ष में प्रचार किया. उन्होंने मौके पर मौजूद समर्थकों से कहा कि आने वाला समय चुनौतियों भरा होगा. ऐसे में पार्टियां अलग हो जाये, तो हो जाये, निचले स्तर पर जनता के बीच जो महागंठबंधन है, वह टूटना नहीं चाहिए. आज नौजवानों का भविष्य खराब हो रहा है. नौकरियां नहीं मिल रही है. किसान, मजदूर मर रहे हैं. देश में धार्मिक उन्माद बढ़ रहा है. इससे हमें लड़ना होगा. हिन्दुस्तान की पहचान उसकी साझा विरासत है. यह किसी भी हालत में नहीं टूटनी चाहिए.