देश की आजादी के लिए सहर्ष फांसी के फंदे पर झूल जाने वाले भारत के सबसे युवा क्रांतिकारी खुदी राम बोस की आज पुण्यतिथि है. खुदी राम बोस मात्र 18 वर्ष की आयु में देश के नाम पर कुर्बान हो गये थे. उन्हें आज ही के दिन 11 अगस्त 1908 में फांसी दी गयी थी.
रेड अलर्ट : नॉर्थ बिहार में भारी बारिश की आशंका पटना में आज स्कूल बंद
एक-एक पिस्तौल और बम के साथ दोनों बिहार के मुजफ्फरपुर पहुंचे.जहां उन्होंने पहले किंग्सफोर्ड का निरीक्षण किया फिर 30 अप्रैल 1908 को रात के वक्त जब उसकी बग्घी घर के पास आकर रूकी तो उसे बम से उड़ा दिया गया. लेकिन इस हमले में किंग्सफोर्ड बच गया क्योंकि वह बग्घी में नहीं था, उसकी जगह पर दो महिलाएं मारी गयीं, जिसमें से एक किंग्सफोर्ड की पत्नी थी.
इस हमले के बाद खुदीराम और प्रफुल्ल दौड़ते हुए स्टेशन पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया. गिरफ्तारी से पहले प्रफुल्ल ने खुद को गोली मार ली, लेकिन खुदीराम बोस पकड़े गये, उन्हें मुजफ्फपुर में फांसी दी गयी थी. बिहार के समस्तीपुर जिले के पूसा से उनकी गिरफ्तारी हुई थी, यहां पर जो रेलवे स्टेशन है वह उन्हीं के नाम पर है. बताया जाता है कि वे गर्व के साथ हाथ में गीता थामे फांसी पर चढ़ गये.