बिहार : मुजफ्फरपुर शहर पर खतरा, रजवाड़ा में बूढ़ी गंडक का बांध टूटा

मुजफ्फपुर: मुशहरी के रजवाड़ा गांव के पास बूढ़ी गंडक का बांध शनिवार की रात टूट गया. जहां बांध टूटा है, वहां स्लुइस गेट था. रात में लगभग 12.02 बजे बांध से पानीनिकलनेलगा और देखते ही देखते पूरा गेट और उस पर बना पुल भी बह गया. आसपास के घर भी बह गये. पुल के टूटने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2017 7:20 AM
मुजफ्फपुर: मुशहरी के रजवाड़ा गांव के पास बूढ़ी गंडक का बांध शनिवार की रात टूट गया. जहां बांध टूटा है, वहां स्लुइस गेट था. रात में लगभग 12.02 बजे बांध से पानीनिकलनेलगा और देखते ही देखते पूरा गेट और उस पर बना पुल भी बह गया. आसपास के घर भी बह गये. पुल के टूटने से रजवाड़ा गांव में अफरा-तफरी मच गयी. लोग बांध की ओर भागने लगे. घरों से सामान निकालकर बांध पर रखने लगे. कुछ ही देर में यह सूचना पूरे इलाके में आग की तरह फैल गयी और रात एक बजे तक मौके पर सैकड़ों की भीड़ उमड़ पड़ी. सभी टूटे बांध को देखना चाहते थे. बांध से निकलने वाला पानी तेजी से मनिका मन में भर रहा था. रात लगभग डेढ़ बजे मौके पर डीएम धर्मेंद्र िसंह व एसएसपी विवेक कुमार पहुंचे. दोनों अधिकारियों ने जानकारी ली औरफिर मुशहरी ब्लॉक के लिए निकल गये. इनके साथ बीडीओ और सीओ भी थे.
मुशहरी थाना पुिलस मौके पर पहुंच चुकी थी. थाना प्रभारी विकास कुमार आसपास के घरों से लोगों को निकलने काे कह रहे थे. साथ ही थाना पुिलस बांध की तरफ लोगों को जाने से रोक रही थी, क्योंकिवहां लगातार कटाव हो रहा था. रात दो बजे तक बांध लगभग 40 फुट कट चुका था. पानी की तेज धार निकल रही थी. आसपास के लोगों ने बताया िक बांध टूटने की आशंका पहले से ही थी. अिधकारी इस बात पर िवचार कर रहे हैं िक अगर मनिकामन भर जायेगा, क्या िकया जायेगा. इधर, रात दो बजे मौके पर िजले के अन्य अिधकारियों का भी पहुंचना शुरू हो गया था. डीएसपी पूर्वी भी पहुंच गये थे. साथ ही सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के िलए पुिलस बल भी पहुंचा.
रो रही थीं महिलाएं
रजवाड़ा गांव के िजस इलाके में बांध टूटा वहां की महिलाएं रो रही थीं, वो कह रही थीं मेरा सबकुछ खत्म हो गया. आसपास के लोगों के समझाने पर भी वो मानने को तैयार नहीं थी. इनका आरोप था िक जब पहले से जानकारी थी, तो स्लुइस गेट के मरम्मत के िलए कदम क्यों नहीं उठाये गये?
पहले से थी आशंका?
सूत्रों की मानें, तो स्लुइस गेट के पास बांध जर्जर है. इसकी जानकारी थी. इसके बाद भी इसकी ओर ध्यान नहीं दिया गया. सूत्रों का कहना था िक शुक्रवार की रात ही इसकी सूचना दी गयी थी. इसके बाद अिधकािरयों ने मौके का दौरा भी किया था, लेिकन स्लुइस गेट को ठीक करने के कदम नहीं उठाये गये. इसको लेकर मौके पर भी चर्चा हो रही थी.
दो चौकीदारों के भरोसे था गेट
जहां पर स्लुइस गेट का बांध टूटा है. उसकी सुरक्षा के िलए दो चौकीदार लगाये गये थे. इन्हीं पर इसके सुरक्षा की िजम्मेदारी थी. रात डेढ़ बजे जब डीएम मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने जानकारी मांगी, तो मौके पर मौजूद जल संसाधन िवभाग के इंजीिनयर ने कहा िक यहां दो चौकीदारों की ड्यूटी लगी थी. उनका कहना है िक िरसाव की वजह से एक बोल्ट िस्लप कर गया था, िजसको लेने के िलए आदमी शहर भेजा था, लेिकन बोल्ट आता, उससे पहले ही बांध टूट गया.
1975 में भी टूटा था बांध
जिस स्थान पर बांध टूटा है उसी स्थान पर 1975 में भी बांध टूटा था. इस बात की चर्चा मौके पर जुटे लोग कर रहे थे. उनका कहना था िक पानी का दबाव बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है. इससे पहले जो बांध टूटा था, तो बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था. ऐसा इन लोगों का कहना था.
आधी रात दबे पांव आयी तबाही
रजवाड़ा गांव में जब लोग गहरी नींद की आगोश में जा रहे थे, तभी दबे पांव पानी के रूप में तबाही आ गयी, जिसने इन लोगों की जमा पूंजी पर संकट पैदा कर दिया. इस बात को लेकर गांव की महिलाएं गमगीन दिख रही थीं. उन्हें लग रहा था किअब क्या होगा?जिंदगी भर की जमा पूंजी से बनाया घर उन्हंी के सामने बूढ़ी गंडक नदी से निकले पानी में समा रहा था, लेिकन वह देख कर भी कुछ नहीं कर पा रही थीं. कई महिलाएं तो दहाड़े मार कर रोने लगीं, लेिकन कुछ महिलाएं खुद को िदलासा दे रही थीं. उनका कहना था किजो होना था, हो गया? अब क्या करना है. हमें यह सोचना है. ये अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ बांध के ऊपर बैठी हुई थीं. इनके सामने आनेवाली कल की चुनौितयों का संकट था. इनका कहना था िक हमारे बच्चों का क्या होगा? वहीं, बच्चे आसपास आ रहे लोगों को देख रहे थे. उन्हें कुछ पता नहीं था कि क्या हो रहा है. उन्हें सोते हुये नींद से क्यों उठाया गया है. अपने घर के पास लोगों की भीड़ देख कर बच्चे हैरान थे. आसपास के लोग बता रहे थे कि 1975 में बांध टूटा था, तो भी तबाही आयी थी, लेिकन अब िस्थति बदल चुकी है.

Next Article

Exit mobile version