उन्होंने साफ किया कि प्रशासन की ओर से फूड पैकेट परिवार के हिसाब से दिया जायेगा. एक घर में यदि एक ही चूल्हा जलता है, तो उसे एक ही परिवार माना जायेगा. डीएम ने कहा कि पहले एनडीआरएफ के मोटरबोट से रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा था. अब इसकी मदद से लोगों तक सुविधाएं (सूखा भोजन, पानी, राहत पैकेट आदि) पहुंचायी जा रही है. इसके लिए मोटरबोट की संख्या भी बढ़ायी गयी है. फिलहाल जिले में एनडीआरएफ के 26 मोटरबोट चल रहे हैं.
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जिन्हें जरूरत है, वही लें राहत, ताकि वास्तविक कोई भी पीड़ित छूटे नहीं
मुजफ्फरपुर. बंदरा में बाढ़ पीड़ितों की सूची को लेकर हुए विवाद को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. डीएम धर्मेंद्र सिंह ने लोगों से अपील की है कि जो वास्तविक पीड़ित है, वे अपना नाम सूची में डलवायें. इससे वास्तविक पीड़ितों तक राहत पहुंच सकेगा. उन्होंने कहा कि बकरीद से पूर्व सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों […]
मुजफ्फरपुर. बंदरा में बाढ़ पीड़ितों की सूची को लेकर हुए विवाद को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. डीएम धर्मेंद्र सिंह ने लोगों से अपील की है कि जो वास्तविक पीड़ित है, वे अपना नाम सूची में डलवायें. इससे वास्तविक पीड़ितों तक राहत पहुंच सकेगा.
उन्होंने कहा कि बकरीद से पूर्व सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों के बीच फूड पैकेट का वितरण किया जायेगा. इसके लिए सर्वे का काम चल रहा है. सर्वे की जिम्मेदारी स्थानीय मुखिया, पंचायत सचिव व राजनीतिक दल के नेताओं को दी गयी है. सूची में गड़बड़ी की शिकायत करने का मौका भी लोगों के पास होगा. इसके लिए प्रखंड स्तर पर ग्रिवांस सेल का गठन किया जायेगा.
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