कमजोर तार बाढ़ में बिजली देने में लाचार
मुजफ्फरपुर: शहरी इलाके में बाढ़ का पानी घुसने के बाद एहतियात के तौर पर एस्सेल ने बिजली काट दी है. बीते दस दिनों में शहर से लेकर गांव तक के करीब 400 ट्रासफॉर्मर का कनेक्शन काटा गया है. बिजली उपलब्ध रहने के बाद भी लोगों को बिजली पानी के बिना रहना पड़ रहा है. अंधेरे […]
मुजफ्फरपुर: शहरी इलाके में बाढ़ का पानी घुसने के बाद एहतियात के तौर पर एस्सेल ने बिजली काट दी है. बीते दस दिनों में शहर से लेकर गांव तक के करीब 400 ट्रासफॉर्मर का कनेक्शन काटा गया है. बिजली उपलब्ध रहने के बाद भी लोगों को बिजली पानी के बिना रहना पड़ रहा है. अंधेरे में पानी के बिना लोग बेचैन रहे. इसमें कई ऐसे मुहल्लाें की बिजली गुल हो गयी, जहां बाढ़ का नामो- निशान नहीं था. दरअसल इस एहतियात के पीछे का वजह लचर ट्रांसमिशन सिस्टम है. कमजोर पोल व जर्जर तार बाढ़ में बिजली देने में लाचार है.
पानी में पोल गिरने व तार टूटने के भय से फीडर को बंद कर दिया गया. अभी भी आइडीपीएल व ढोली फीडर ग्रिड से चार से पांच मेगावाट कम बिजली ले रहा है. मुशहरी में तो अधिकतर फीडर को बंद कर दिया गया था. एसकेएमसीएच पावर स्टेशन से जुड़े शेखपुर ढाब की बत्ती तीन दिनों तक गुल रही है. सवाल यह है कि सुरक्षा के नाम पर बिजली लगातार बंद करना कितना वाजिब है.
दरअसल आपदा में बिजली आपूर्ति के लिए सिस्टम तैयार नहीं रहने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है. पोल व तार दुरुस्त रहने पर एक दो घंटे के लिए बिजली दी जा सकती है. यहीं नहीं कई इलाके में ट्रांसफॉर्मर के पानी में घिरे रहने के वजह से बिजली बंद की गयी. जबकि एस्सेल इमरजेंसी में मोबाइल ट्रांसफॉर्मर से बिजली आपूर्ति का दावा करता है.
मोबाइल ट्रांसफॉर्मर से आपातकालीन सेवा दी जा सकती है. फीडर से जंफर व सर्किट अलग कर सिर्फ बाढ़ प्रभावित इलाके की बिजली काटी जा सकती है.