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बाढ़ के बाद अब डायरिया का प्रकोप, एक की मौत, दर्जनों भर्ती

मुजफ्फरपुर/मुशहरी: बाढ़ के बाद अब जिले में महामारी का दौर शुरू हो गया है. मुशहरी के कई गांव डायरिया की चपेट में आ गये हैं. रोशनपुर चक्की गांव की 11 वर्षीया सुमित्रा कुमारी की बीएमपी छह के समीप एक निजी नर्सिंग होम में लाने के क्रम में मौत हो गयी, जबकि यहां दस लोगों को […]

मुजफ्फरपुर/मुशहरी: बाढ़ के बाद अब जिले में महामारी का दौर शुरू हो गया है. मुशहरी के कई गांव डायरिया की चपेट में आ गये हैं. रोशनपुर चक्की गांव की 11 वर्षीया सुमित्रा कुमारी की बीएमपी छह के समीप एक निजी नर्सिंग होम में लाने के क्रम में मौत हो गयी, जबकि यहां दस लोगों को भरती कर इलाज किया जा रहा है. सभी की स्थिति खतरे से बाहर बतायी जा रही है.

तीन वर्षीय बेटे शिवा का इलाज करा रहे फकींद्र सहनी ने कहा कि सुबह में बच्चे को खिचड़ी खिलाये थे. उसक कुछ देर के बाद से ही पेट में दर्द व उल्टी होने लगा. हमलोग नाव से पानी पार कर अस्पताल पहुंचे. स्लाइन चलने के बाद बच्चे की हालत में सुधार हुआ है. यहां भरती होने वालों में शिवम, राजगीर, किरण देवी, निशा कुमारी, सरिता देवी, अंजू देवी, मीरा देवी, पूनम देवी, लक्ष्मी देवी व गुड़िया कुमारी हैं.

मुशहरी के रजवाड़ा, स्लेमपुर व रोशनपुर चक्की गांव में दो सौ से अधिक लोग डायरिया से पीड़ित हैं. गांव के पानी में डूबे होने के कारण लोग बीमार व्यक्ति को लेकर अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं. रोशनपट्टी के ही नौ साल के बेटे राजगीर का इलाज करा रहे रामबाबू सहनी कहते हैं कि तीनों गांव मिलाकर काफी लोग डायरिया से पीड़ित हैं. हम दस लोग आशीर्वाद नर्सिंग होम में आये हैं, लेकिन और लोग कहां गये, यह जानकारी नहीं है. रामबाबू सहनी ने कहा कि गांव में सरकारी डॉक्टर इलाज के लिए नहीं आ रहे हैं. मुशहरी पीएचसी की ओर से गांव में इलाज को कोई प्रबंध नहीं किया गया है.
एक परिवार के चार लोग पीड़ित
रोशनपुर चक्की के ही एक परिवार के चार लोग डायरिया से पीड़ित हैं. इसी परिवार से एक बच्ची की मौत हो गयी है. परिवार के अरविंद कुमार ने कहा कि मेरी बहन सुमित्रा कुमारी अस्पताल लाने के क्रम में दम तोड़ दी. यहां मां व बहनें भरती हैं. उसने कहा कि गांव में अगर डॉक्टर पहुंच गये होते तो मेरी बहन नहीं मरती. अरविंद ने कहा कि रोशनपुर में डायरिया तेजी से फैल रहा है.
महामारी से बचाव के लिए पहल नहीं : महामारी से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक पहल नहीं की गयी है. विभाग ने ब्लीचिंग व चूना बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के मुखिया को दे दिया है, लेकिन कहां कितना छिड़काव हो रहा है, इसकी जानकारी नहीं है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्राें में डॉक्टर कैंप भी नहीं कर रहे हैं, जबकि पानी कम होने के बाद इन क्षेत्रों में महामारी की आशंका बढ़ गयी है. सोमवार को डायरिया फैलने की सूचना पर सिविल सर्जन डॉ ललिता सिंह ने चार डॉक्टरों को दवाओं के साथ प्रभावित क्षेत्रों में रवाना किया.
केजरीवाल में 175 बच्चे भरती
डायरिया से पीड़ित होने वाले बच्चों को लोग केजरीवाल अस्पताल लेकर पहुंच रहे हैं. यहां डायरिया के अलावा बुखार के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है. सोमवार को यहां 454 बच्चों का इलाज किया गया. फिलहाल अस्पताल में डायरिया व बुखार से पीड़ित 175 बच्चे भरती हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है.
जिंक की दवा नहीं, इलाज कैसे
डायरिया से इलाज के लिए जिंक दवा सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास ये दवाएं नहीं है. पिछले दिनों दवाओं की आपूर्ति के लिए सीएस ने मुख्यालय को पत्र लिखा था, लेकिन अब तक दवाएं नहीं आ पायी. जिला स्तर पर ही दवाओं की खरीद की व्यवस्था की जा रही है.

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