इलाज से ज्यादा इंफेक्शन के शिकार होते हैं मरीज
कचरे के बीच रखी जाती है सेक्शन मशीन मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान एसकेएमसीएच में मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है. इमरजेंसी वार्ड का ड्रेसिंग मरीजों को बीमार कर रहा है. यहां ड्रेसिंग से लेकर सेक्शन की जाने वाली मशीन कचरा में रखी जाती है. उसका पाइप मरीज […]
कचरे के बीच रखी जाती है सेक्शन मशीन
मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान एसकेएमसीएच में मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है. इमरजेंसी वार्ड का ड्रेसिंग मरीजों को बीमार कर रहा है. यहां ड्रेसिंग से लेकर सेक्शन की जाने वाली मशीन कचरा में रखी जाती है. उसका पाइप मरीज के मुंह में डाला जाता है, जिससे इंफेक्शन का खतरा रहता है. स्थिति यह है कि अस्पताल के ही कई कर्मी अपने खास लोगों को इमरजेंसी में ड्रेसिंग नहीं कराने की सलाह देते हैं.
कुछ दिनों पहले सहबाजपुर के अशोक झा ने पैर में घाव होने पर इमरजेंसी में ड्रेसिंग कराया था. उसका घाव तो ठीक नहीं हुआ, ऊपर से इंफेक्शन के चलते मुसीबत बढ़ गयी. यहां तक कि उसका पैर काटने की भी नौबत आ गयी थी. उधर, अहियापुर थाने में तैनात एक दारोगा ने भी पिछले दिनों ड्रेसिंग के बाद घाव में इन्फेक्शन होने की शिकायत की थी. इमरजेंसी में हर रोज 10 से 15 मरीज सड़क दुर्घटना व मारपीट के शिकार होकर इलाज कराने पहुंचते है. अस्पताल में तीन शिफ्ट में कर्मी तैनात रहते है. लेकिन सेक्शन मशीन को की पाइप जो मरीज के मुंह में डाला जाता है, उसे नीचे फर्श पर ही छोड़ दिया जाता है. शिकायतों के बाद भी किसी तरह की गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है.
एसकेएमसीएच का हाल
ड्रेसिंग में सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट को स्ट्रलाइज किया जाता है. सेक्शन मशीन को भी साफ रखा जाता है. इससे किसी तरह के इंफेक्शन का खतरा नहीं होता है. इस बात का पूरा खयाल रखा जाता है कि मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो.
सचिन कुमार चंचल, अस्पताल प्रबंधक