12 सितंबर को बिना ब्रेक के चली थी पवन एक्सप्रेस, आठ इंजीनियरों समेत 15 पर गिरी गाज
मुजफ्फरपुर : दरभंगा से लोकमान्य तिलक टर्मिनल जानेवाली पवन एक्सप्रेस का ब्रेक फेल होने मामले में बड़ी कार्रवाई की गयी है. अबतक आठ इंजीनियरों समेत 15 रेल कर्मचारियों पर गाज गिर चुकी है. दरभंगा जंकशन के दो व समस्तीपुर के एक अधिकारी को निलंबित कर सभी पर विभागीय चार्जशीट की गयी है. इस कार्रवाई से […]
मुजफ्फरपुर : दरभंगा से लोकमान्य तिलक टर्मिनल जानेवाली पवन एक्सप्रेस का ब्रेक फेल होने मामले में बड़ी कार्रवाई की गयी है. अबतक आठ इंजीनियरों समेत 15 रेल कर्मचारियों पर गाज गिर चुकी है. दरभंगा जंकशन के दो व समस्तीपुर के एक अधिकारी को निलंबित कर सभी पर विभागीय चार्जशीट की गयी है. इस कार्रवाई से रेलकर्मियों में हड़कंप है.
वहीं सोनपुर मंडल के भी अधिकारी व कर्मचारी पर गाज गिरना तय माना जा रहा है. इधर, पूरे मामले की बारीकी से जांच की जा रही है. पवन एक्सप्रेस में लगे एलएचबी कोच में भी डिफॉल्ट को देखा जा रहा है. सीएमइ अनिल शर्मा ने 48 घंटे के अंदर संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है.
लोको पायलट पर भी होगी कार्रवाई . अबतक की जांच में यह बात सामने आयी है कि घटना के दिन पवन एक्सप्रेस को दरभंगा से मुजफ्फरपुर तक लानेवाले लोको पायलट ने ब्रेक पावर कमजोर होने की शिकायत नहीं की थी. वहीं मुजफ्फरपुर से छपरा तक जिस लोको पायलट की डयूटी थी, उसने गाड़ी के मुजफ्फरपुर से खुलते ही ब्रेक कमजोर होने की शिकायत सोनपुर कंट्रोल को की थी. उसकी शिकायत पर सोनपुर में अधिकारी व कर्मचारी का एक दल ब्रेक की जांच करने पहुंचा, लेकिन ट्रेन को अगले स्टेशन के लिए रवाना कर दिया गया. जांच में यह सवाल उठा कि अगर ब्रेक पावर कमजोर था, तो दरभंगा से मुजफ्फरपुर तक आनेवाले लोको पायलट ने शिकायत क्यों नहीं की. वहीं सोनपुर में जांच के दौरान ब्रेक में गड़बड़ी होने के बाद भी गाड़ी को क्यों आगे जाने दिया गया.
ये है मामला :
12 सितंबर को पवन एक्सप्रेस दरभंगा से लोकमान्य तिलक के लिए चली थी. जंक्शन से ट्रेन के खुलने पर 21 एलएचबी कोच में से 19 का ब्रेक फेल था. ट्रेन ने दरभंगा से वाराणसी की चार सौ किमी की दूरी बिना ब्रेक के ही तय की.उस समय ट्रेन में दो हजार से अधिक यात्री सवार थे. मामले का खुलासा होने पर रेलवे बोर्ड के सदस्य आरएल गुप्ता ने पूर्व मध्य रेल के सीएमइ अनिल शर्मा को पत्र लिखा था.