सच्चाई के लिए इमाम हुसैन ने दी शहादत

मुजफ्फरपुर : इमाम हुसैन जो मो सलाउल्लाह रसल्लम के नवासे थे. वे उनसे बेहद मोहब्बत किया करते थे. इस्लामिक कलेंडर के हिसाब से यह पहला महीना है. इसी महीने दस मुहर्रम को इमाम हुसैन ने करबला के मैदान में शहादत थी. कहा जाता है कि इमाम हुसैन जब मसजिद मे पहुंचते थे, तो हजुूर सजदे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 23, 2017 6:02 AM

मुजफ्फरपुर : इमाम हुसैन जो मो सलाउल्लाह रसल्लम के नवासे थे. वे उनसे बेहद मोहब्बत किया करते थे. इस्लामिक कलेंडर के हिसाब से यह पहला महीना है. इसी महीने दस मुहर्रम को इमाम हुसैन ने करबला के मैदान में शहादत थी. कहा जाता है कि इमाम हुसैन जब मसजिद मे पहुंचते थे, तो हजुूर सजदे में चले जाते थे.

इमाम उनकी पीठ पर बैठ जाया करते थे. मो सलाउल्लाह रसल्लम इमाम हुसैन से इतनी मुहब्बत करते थे कि वे सजदे को लंबा कर दिया करते थे. हमलोग भी इमाम हुसैन से बहुत मुहब्बत करते हैं. हमें उनकी शहादत को समझना चाहिए. उक्त बातें तिनकोठिया मदरसा के मौलाना हाफिज शहनवाज ने मुहर्रम के पहले दिन शुक्रवार को शुक्ला रोड में आयोजित तकरीर को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने लोगों को इमाम

हुसैन के उसूलों को लोगों के बीच रखा. आयोजन में सामाजिक कार्यकर्ता पाले खां सहित मुहल्लेवासियों का
योगदान रहा.

Next Article

Exit mobile version