रनवे की लंबाई 580, तो चौड़ाई 15 मीटर बढ़ानी होगी
मुजफ्फरपुर: केंद्र सरकार को हवाई अड्डों के डिजाइन, योजना व निर्माण प्रबंधन के क्षेत्र में परामर्श सेवाएं उपलब्ध करानेवाली कंपनी ‘राइट्स’ की पांच सदस्यीय टीम ने रविवार काे पताही हवाई अड्डे का निरीक्षण किया. नेतृत्व चीफ प्राेजेक्ट मैनेजर अरुण कुमार कर रहे थे. साथ में नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा भी थे. टीम […]
मुजफ्फरपुर: केंद्र सरकार को हवाई अड्डों के डिजाइन, योजना व निर्माण प्रबंधन के क्षेत्र में परामर्श सेवाएं उपलब्ध करानेवाली कंपनी ‘राइट्स’ की पांच सदस्यीय टीम ने रविवार काे पताही हवाई अड्डे का निरीक्षण किया. नेतृत्व चीफ प्राेजेक्ट मैनेजर अरुण कुमार कर रहे थे. साथ में नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा भी थे. टीम ने न सिर्फ रनवे की लंबाई, चौड़ाई नापी, बल्कि ट्रैफिक कंट्रोल रूम, वीआइपी लॉज व हैंगर के पूर्व निर्मित ढांचा को भी देखा.
मापी में रनवे की कुल लंबाई 1220 मीटर व चौड़ाई 30 मीटर पायी गयी. केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्रालय की ‘क्षेत्रीय संपर्क योजना’ या ‘उड़ान’ योजना के तहत यहां से हवाई सेवा शुरू करने की योजना है. राज्य सरकार चाहती है कि यहां से कम-से-कम 60 सीट वाले विमान उड़े. अरुण कुमार ने बताया कि 60 सीट वाले विमान के उड़ान के लिए रनवे की लंबाई कम-से-कम 1700 से 1800 मीटर व चौड़ाई 45 मीटर होनी चाहिए.
इस हिसाब से देखा जाये, तो वर्तमान रनवे की लंबाई जहां 480 से 580 मीटर तक कम है, वहीं चौड़ाई 15 मीटर. नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा ने मौके पर ही स्थानीय लोगों से जमीन की उपलब्धता के बारे में बात की. लोगों ने बताया कि वर्तमान रनवे के पूर्वी भाग में पताही मथुरापुर गांव है. रनवे के सटे काफी दूर तक दो-तीन घर को छोड़ दिया जाये, तो काफी दूर तक जमीन परती है. उचित मुआवजा मिलने पर जमीन उपलब्ध हो सकती है. जहां, तक रनवे के पश्चिमी भाग का सवाल है, तो वहां पताही खास गांव पड़ता है, जहां घनी आबादी बसी हुई है. उधर, जमीन मिलनी मुश्किल है.
रनवे खस्ताहाल, होगा फिर से निर्माण
हवाई अड्डे का रनवे ईंट सोलिंग कर बनाया गया है. उसके ऊपर की पिच उड़ चुकी है. फिलहाल वहां विमान उतारना खतरे से भरा हो सकता है. राइट्स के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर अरुण कुमार ने बताया कि इस रनवे को नये सिरे से तैयार करना होगा. वर्तमान रनवे को नये रनवे के बेस के रूप में उपयोग किया जा सकता है. इससे निर्माण का कॉस्ट काफी हद तक घट जायेगा.
65 से 70 मीटर बढ़ेगी हैंगर की लंबाई
हवाई अड्डे में हैंगर एक अनिवार्य अंग है. विमान में मामूली गड़बड़ी होने पर वहीं उसे दुरुस्त किया जाता है. हवाई अड्डा कैंपस में लोहे के स्ट्रक्चर व टीन के एस्बेस्टस से बना हैंगर है. पर, इसकी भी हालत बेहद खस्ता है. अरुण कुमार ने बताया कि 60 सीट वाले विमान सेवा शुरू होने पर हैंगर की लंबाई 65 से 70 मीटर होनी चाहिए. कारण विमान की कुल लंबाई करीब 40 मीटर व उसके केबिन की लंबाई करीब 24 मीटर होती है. हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि वर्तमान में उपलब्ध हैंगर को दुरुस्त कर उस लायक बनाया जा सकता है.
ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम करना होगा विकसित
हवाई अड्डे से हवाई सेवा शुरू करने के लिए हवाई ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम होना अनिवार्य है. फिलहाल ऐसा कोई सिस्टम हवाई अड्डे पर उपलब्ध नहीं है. ट्रैफिक कंट्रोल के नाम पर एक पुरानी दो मंजिल की छोटी बिल्डिंग जरूर है, पर उसमें न तो खिड़की है, न दरवाजा. उपकरण की तो बात ही छोड़िए. टीम के मुताबिक हवाई अड्डे के कंट्रोल रूम में रडार, नेविगेशन सिस्टम, वेब लेंथ फ्रिक्वेंसी रीडर का होना जरूरी है. फिलहाल केंद्र सरकार ने हवाई अड्डा के जीर्णोद्धार के लिए 60 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है. उपकरण की लागत जोड़ लेने पर यह राशि कम पड़ सकती है. हालांकि, राहत की बात यह है कि वित्त मंत्रालय ने उन हवाई अड्डों से हवाई सेवा शुरू करने के लिए उपकरण किराये पर देने की घोषणा की है, जहां वर्षों से हवाई सेवा बंद है. टीम के अन्य सदस्यों में मैनेजर सिविल सुभाष कुमार, मैनेजर इंजीनियरिंग रंजन कुमार व तकनीकी सहायक गुंजन कुमार व निखिल कुमार शामिल थे.
पताही हवाई अड्डे से हवाई सेवा शुरू करने की मांग काफी पुरानी है. सरकार की कोशिश है कि चालू वित्तीय वर्ष में ही लोगों की डिमांड पूरी कर दी जाये. राइट्स की टीम 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. राशि कम पड़ने पर केंद्र सरकार से भी बात की जायेगी.
सुरेश शर्मा, नगर विकास एवं आवास मंत्री