बाढ़ राहत व बचाव पर खर्च हुए 188 करोड़ रुपये

इस साल अगस्त व सितंबर महीने में आयी बाढ़ से जिले के 13 प्रखंडों के दो लाख 74 हजार 67 परिवार प्रभावित हुए. प्रभावित लोगों की कुल संख्या 13 लाख 42 हजार 686 रही. जिला प्रशासन के दावों के अनुसार, इन लोगों के बचाव पर करीब 188.37 करोड़ रुपये खर्च किये. इसमें एनडीआरएफ व एसडीआरएफ, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2017 12:30 PM
इस साल अगस्त व सितंबर महीने में आयी बाढ़ से जिले के 13 प्रखंडों के दो लाख 74 हजार 67 परिवार प्रभावित हुए. प्रभावित लोगों की कुल संख्या 13 लाख 42 हजार 686 रही. जिला प्रशासन के दावों के अनुसार, इन लोगों के बचाव पर करीब 188.37 करोड़ रुपये खर्च किये. इसमें एनडीआरएफ व एसडीआरएफ, सामुदायिक किचेन, नकद व खा‍द्यान्न के बदले अनुदान, भोजन पैकेट, सूखा पैकेट, क्षतिग्रस्त मकान की क्षतिपूर्ति और मौत पर दिये गये मुआवजे के भुगतान का खर्च शामिल है. गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव मुकेश मित्तल के नेतृत्व में छह सदस्यीय केंद्रीय टीम गुरुवार को जिले के भ्रमण पर आ रही है. इस दौरान केंद्रीय टीम बाढ़ की भी समीक्षा करेगी. प्रशासन ने यह रिपोर्ट इसी सिलसिले में तैयार की है.
मुजफ्फरपुर: जिले में बाढ़ के कारण कुल 8501 घर क्षतिग्रस्त हुए. इनमें 4196 झोपड़ी, 4096 कच्चे मकान व 209 पक्के मकान शामिल हैं. 2866 कच्चे मकान व 153 पक्के मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए. वहीं 1230 कच्चे मकान व 56 पक्के मकान पूर्ण रूप से. सरकार के निर्देशानुसार, क्षतिग्रस्त प्रत्येक झोपड़ी के लिए 4100 रुपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त प्रत्येक कच्चे मकान के लिए 3200 रुपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त प्रत्येक पक्के मकान के लिए 5200 रुपये, पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त प्रत्येक पक्के व कच्चे मकान के लिए 95,100 रुपये अनुदान देना था. इस पर प्रशासन ने 14 करोड़ 94 लाख 69 हजार रुपये खर्च किये. प्रखंडों में सबसे ज्यादा घर मुशहरी में क्षतिग्रस्त हुए. इसमें 2474 झोपड़ी, 2367 कच्चे मकान व 199 पक्के मकान शामिल हैं. इसके अलावा घर के साथ सटे 1093 पशु शेड भी बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए. इसके लिए प्रशासन ने 2100 रुपये की दर से करीब 22.95 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में दिये. हालांकि विभागीय अधिकारियों की माने, तो खर्च की राशि और बढ़ सकती है.
बचाव कार्य पर 70.68 करोड़ खर्च, बावजूद 72 मौतें
बाढ़ के दौरान लोगों काे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ की पांच, एसडीआरएफ की एक और सेना की एक टीम की मदद ली गयी. इसके अलावा 194 नावों को भी बचाव कार्य में लगाया गया. जिला प्रशासन के अनुसार, इस पर करीब 70.68 करोड़ रुपये खर्च हुए. इतनी कोशिशों को बावजूद बाढ़ के दौरान पूरे जिले में कुल 72 मौतें हुईं. इस पर प्रशासन ने अनुग्रह अनुदान के रूप में 2.88 करोड़ रुपये खर्च किये. सबसे ज्यादा 23 मौतें मीनापुर प्रखंड में हुईं. वहीं, बोचहां में 15, औराई में आठ, मुशहरी में सात, मोतीपुर में पांच, कांटी में चार, गायघाट में तीन, सकरा व बंदरा में दो-दो व कटरा, साहेबगंज एवं पारू में एक-एक मौत बाढ़ के दौरान लोगों के पानी में डूबने से हुई.

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