CBI की विशेष कोर्ट ने पत्रकार राजदेव हत्याकांड में शहाबुद्दीन के खिलाफ लिया संज्ञान

मुजफ्फरपुर : बिहार के सीवान में हुए पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में शुक्रवार को सीबीआइ की विशेष अदालत ने संज्ञान लिया है. मामले में विशेष कोर्ट ने सीबीआइ द्वार दाखिल आवेदन पर पूर्व सांसद और राजद नेता शहाबुद्दीन और बाकी आरोपितों विजय गुप्ता, रोहित कुमार सोनी, राजेश कुमार, विशु कुमार जायसवाल, सोनू कुमार गुप्ता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2017 4:41 PM

मुजफ्फरपुर : बिहार के सीवान में हुए पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में शुक्रवार को सीबीआइ की विशेष अदालत ने संज्ञान लिया है. मामले में विशेष कोर्ट ने सीबीआइ द्वार दाखिल आवेदन पर पूर्व सांसद और राजद नेता शहाबुद्दीन और बाकी आरोपितों विजय गुप्ता, रोहित कुमार सोनी, राजेश कुमार, विशु कुमार जायसवाल, सोनू कुमार गुप्ता और अजरुद्दीन के खिलाफ सुनवाई करते हुए संज्ञान लिया. सीबीआइ ने अनुसंधान के बाद दाखिल पूरक चार्जशीट में कहा है कि पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के साथ बाकी आरोपितों के खिलाफ ट्रायल चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं. इस आधार पर सीबीआइ कोर्ट की विशेष न्यायाधीश अनुपम कुमार ने इन सभी पर संज्ञान लिया. इस दौरान नयी दिल्ली के तिहाड़ जेल से पूर्व शहाबुद्दीन की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई.सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक एच खान व दूसरे पक्ष के अधिवक्ता दिलीप कुमार सिंह व शरद सिन्हा भी मौजूद थे.

इससे पूर्व सीबीआइ की जांच में यह बात सामने आयी थी कि सभी आरोपित हत्या के दिन शाम सात बजे एक जगह जमा हुए थे और इन्होंने आपस में बातचीत की थी. जब राजदेव रंजन अपने कार्यालय से बाहर निकले, तो यह लोग कुछ-कुछ दूरी बनाकर उनका पीछा कर रहे थे. साथ ही आरोपितों में कई लोग बाइक से राजदेव का पीछा कर रहे थे. जिस बाइक से पीछा किया जा रहा था, उसे सोनी चला रहा था. जब सीवान के कोलकाता बिरयानी हाउस के पास राजदेव की बाइक रुकी और वह फोन पर बात करने लगे और उसके बाद फल मंडी के पास पहुंचे. बाद में आरोपित रिशु जायसवाल और रोहित कुमार सोनी ने राजदेव का रास्ता ब्लॉक कर दिया और रोहित ने गोली मारकर राजदेवी की हत्या कर दी. मामले से अपने को दूर रखने के लिए रोहित ने बाइक का नंबर प्लेट बदल दिया था. सीबीआइ ने कहा है कि ट्रायल चलाने के लिए उसके पास पर्याप्त साक्ष्य है.

सीबीआइ के पास उस बात का प्रमाण है कि उन्होंने किस दुकान पर जाकर बाइक का नंबर प्लेट बदला था. सभी सबूतों के साथ सीबीआइ ने चार्जशीट दाखिल किया था. इससे पूर्व केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ ने कहा था कि इस मामले में पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के साथ आठ लोगों के खिलाफ 22 अगस्त को चार्जशीट दाखिल कर दी गयी है. गौर हो कि पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या 16 मई 2016 को गोली मार कर दी गयी थी. इस मामले में मुख्य शूटर रोहित समेत लड्डन मियां, विजय, रिशु, राजेश, सोनू कुमार व सोनू सोनी जेल में बंद हैं. जबकि हत्याकांड में संदिग्ध रहे मो. कैफ उर्फ बंटी व जावेद मियां फिलहाल जमानत पर हैं. सुप्रीम कोर्ट में सीवान के दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन की याचिका पर 18 सितंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये बातें कहीं. मामला भागलपुर सेंट्रल जेल से राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की जमानत होने व बाहर आने के बाद सीवान के मो. कैफ उर्फ बंटी व तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप के संग उसकी फोटो वायरल होने से जुड़ी है. तब आशा रंजन ने अपने वकील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया था. जिसमें कहा गया था कि मेरे पति की हत्या मामले में मो. कैफ उर्फ बंटी की भूमिका संदिग्ध है. याचिका में कहा गया कि उसकी तस्वीर राजद के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप के साथ होना यह दर्शाता है कि राजदेव रंजन हत्याकांड के संदिग्ध की पहुंच कितनी ऊपर तक है.

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