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गर्भवती को तीन घंटे में चढ़ना था ब्लड, लगे 20 घंटे

मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच में भर्ती एक गर्भवती को एक यूनिट ब्लड चढ़ाने में 20 घंटे से अधिक समय लग गया. इस दौरान जब महिला के परिजनों ने वार्ड में तैनात नर्स से शिकायत की, तो उल्टे उन्हें फटकारने लगी. महिला की स्थिति बिगड़ने पर परिजनों ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य मैनेजर से की. इसके बाद ब्लड बैंक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2017 10:54 AM

मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच में भर्ती एक गर्भवती को एक यूनिट ब्लड चढ़ाने में 20 घंटे से अधिक समय लग गया. इस दौरान जब महिला के परिजनों ने वार्ड में तैनात नर्स से शिकायत की, तो उल्टे उन्हें फटकारने लगी. महिला की स्थिति बिगड़ने पर परिजनों ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य मैनेजर से की. इसके बाद ब्लड बैंक कर्मी ने महिला के इंट्राकेट दूसरे हाथ में लगा कर ब्लड चढ़ाया. इसके बाद मरीज की स्थिति सामान्य हुई.

दरअसल, हथौड़ी थाने के नरहर गांव निवासी जिलाजीत सहनी की पत्नी रिंकू देवी(25) को प्रसव पीड़ा होने पर शनिवार की शाम उसके पिता ने एसकेएमसीएच में भर्ती कराया था. डॉक्टर ने गर्भवती की स्थिति देखने के बाद ऑपरेशन करने की बात कही, लेकिन शरीर में खून की कमी होने के कारण ब्लड चढ़ाने का निर्देश दिया. शनिवार शाम करीब सात बजे उसके पिता केवल सहनी ने ब्लड डोनेट किया.
इसके बाद ब्लड बैंककर्मी उसे चढ़ाने के लिए एक यूनिट ब्लड लगा दिया. रविवार की सुबह करीब चार बजे उसे ओटी में ले गये. जहां
उसने मृत बच्चे को जन्म दिया. वापस आने पर उसे फिर से वहीं ब्लड लगा दिया गया. इस दौरान कई बार ब्लड बंद भी हो गया. नर्स से शिकायत करने पर परिजनों को डांट लगाकर भगा दिया.
आखिर लापरवाही किसकी : डॉक्टर व ब्लड बैंककर्मी की माने, तो एक यूनिट ब्लड चढ़ाने में तीन से चार घंटे ही लगते हैं. देर होने पर
मरीज को कई तरह की परेशानी होने लगती है. मरीज को एक यूनिट ब्लड चढ़ने में 20 घंटे का समय लगा. नर्स से शिकायत करने पर उसे फटकार लगायी गयी.
शिकायत मिलने पर कार्रवाई : शिकायत मिलने में स्वयं स्वास्थ्य मैनेजर राजीव रंजन ने गायनिक वार्ड में प्रसव पीड़िता को देखने के लिए पहुंच गये. ब्लड बैंककर्मी को बुला कर इंट्राकेट दूसरे हाथ में लगवाया. इसके बाद ब्लड चढ़ाया गया.

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