लोक गीतों के रस से सराबोर हुआ मन

मुजफ्फरपुर : लोकगीतों में जब भोजपुरी की मिठास में घुली, तो श्रोताओं का मन लोक रस से भींग गया. मौका था लिच्छवी फाउंडेशन की ओर से रविवार को आयोजित लिच्छवी महोत्सव का. अखाड़ाघाट रोड स्थित जीडी मदर स्कूल परिसर में आयोजित समारोह में लोक गायिका डॉ नीतू कुमार नूतन ने लोक जीवन के कई रंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2017 10:55 AM
मुजफ्फरपुर : लोकगीतों में जब भोजपुरी की मिठास में घुली, तो श्रोताओं का मन लोक रस से भींग गया. मौका था लिच्छवी फाउंडेशन की ओर से रविवार को आयोजित लिच्छवी महोत्सव का. अखाड़ाघाट रोड स्थित जीडी मदर स्कूल परिसर में आयोजित समारोह में लोक गायिका डॉ नीतू कुमार नूतन ने लोक जीवन के कई रंग बिखेरे. उन्होंने जब चाहे सईंया रहस चाहे जास हो, सावन में.., कवना फूलवा फूले मइया.. व कचौरी गली भूल गइले बलमू.. सुना कर लोगों का दिल जीत लिया.

डाॅ नूतन ने गौना-गौना सुनत रहली जैसे कई गीतों की प्रस्तुति दीं. इससे पूर्व पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा, सांसद अजय निषाद, आइजी सुनील कुमार, विधायक केदार नाथ प्रसाद, उपमेयर मान मर्दन शुक्ला व आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया.

मौके पर डॉ नूतन को लिच्छवी शिखर सम्मान, उद्घोषक अरुण कुमार सिन्हा, रितुराज, अनुपमा दास व गायक दीपक को लिच्छवी विशिष्ट कला सम्मान से सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम में दीपक कुमार ने भी कई लोकगीतों को सुना कर श्रोताओं की तालियां बटोरी. समारोह में नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन, डॉ
अरुण साह, डॉ एचएन भारद्वाज, पूर्व एमएलसी गणेश भारती, पूर्व उप मपेयर विवेक कुमार सहित कई लोग मौजूद थे. आयोजन में लिच्छवी फाउंडेशन के निदेशक प्रभात कुमार की मुख्य भूमिका रही.

Next Article

Exit mobile version