घाटों की सफाई आधी अधूरी तालाबों पर गंदगी का अंबार
मुजफ्फरपुर : छठ घाटों की अधूरी सफाई इस बार छठ व्रतियों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है. छठ महापर्व की धूम शहर में दिखने लगा है. लेकिन छठ घाटों की सफाई कछुए की गति से चल रही है. नगर निगम सफाई कार्य में जुटा है. लेकिन कार्य की जो गति है. इसमें नहाय […]
मुजफ्फरपुर : छठ घाटों की अधूरी सफाई इस बार छठ व्रतियों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है. छठ महापर्व की धूम शहर में दिखने लगा है. लेकिन छठ घाटों की सफाई कछुए की गति से चल रही है. नगर निगम सफाई कार्य में जुटा है. लेकिन कार्य की जो गति है. इसमें नहाय – खाय तक पूरी सफाई संभव नहीं दिख रहा है. शहर में तो वैसे दो दर्जन से अधिक घाटों पर पूजा किया जाता है.
लेकिन सबसे अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ बूढ़ी गंडक किनारे के घाट अखाड़ाघाट, सीढ़ी घाट, लकड़ी ढ़ाई घाट व चंदवारा में जुटती है. लेकिन अभी इन सभी घाटों का खस्ताहाल है. अखाड़ाघाट पुल के नीचे वाले घाट की सफाई तो की गयी है, लेकिन अभी घाट से अतिक्रमण नहीं हटाया गया है. कबाड़ के गोदाम हटाने के लिए दो दिन पूर्व आदेश दिया गया था. घाट की ओर जाने वाली सड़क को भी ठीक नहीं किया गया है. तालाबों की बात करें, तो साहू पोखर को छोड़ सभी का हाल एक जैसा है. विश्वविद्यालय व आरडीएस कॉलेज स्थित पोखर से पानी निकाला जा रहा है . तीन पोखरिया में पानी भरा हुआ है.
सड़कें भी लेंगी अग्नि परीक्षा
शहर के टूटी सड़कें भी श्रद्धालुओं का अग्नि परीक्षा लेगी. सड़कों पर बने गड्डे को अभी तक भरा नहीं गया है.गौरतलब है कि छठ पर्व अत्यंत पवित्रता के साथ मनाया जाने वाला पर्व है. व्रती 4 दिन का कठोर उपवास रहकर इस पर्व को करते हैं. घर से घाट के लिए व्रती व परिजन नंगे पांव निकलते हैं. व्रतियों के साथ-साथ परिजन सूप व दौरी में प्रसाद व दीया लेकर नंगे पांव चलते हैं. ऐसे में धूल की गुबार उड़ने वाली इस सड़क पर चलना उनके लिए कितना तकलीफदेह होगा, इसे महसूस किया जा सकता है. कई व्रती अपने घर से दंडवत होते हुए छठ घाट तक जाते हैं. सड़क पर दंडवत करते जाते वक्त उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.