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पत्रकार हत्याकांड : जिला जज के सामने शहाबुद्दीन समेत आठ आरोपितों के खिलाफ आज से शुरू होगा ट्रायल

पटना : पत्रकार हत्याकांड मामले में तिहाड़ जेल में बंद राजद नेता व पूर्व सांसद शहाबुद्दीन समेत आठ आरोपितों के खिलाफ आज मुजफ्फरपुर के जिला जज सुनवाई करेंगे. विशेष सीबीआई न्यायालय की मजिस्ट्रेट अनुपम कुमारी ने पिछली सुनवाई में 31 अक्तूबर की तिथि निर्धारित करते हुए संचिका को सत्र विचारण के लिए जिला जज के […]

पटना : पत्रकार हत्याकांड मामले में तिहाड़ जेल में बंद राजद नेता व पूर्व सांसद शहाबुद्दीन समेत आठ आरोपितों के खिलाफ आज मुजफ्फरपुर के जिला जज सुनवाई करेंगे. विशेष सीबीआई न्यायालय की मजिस्ट्रेट अनुपम कुमारी ने पिछली सुनवाई में 31 अक्तूबर की तिथि निर्धारित करते हुए संचिका को सत्र विचारण के लिए जिला जज के पास भेजने का आदेश दिया था. शहाबुद्दीन समेत सभी आठ आरोपितों के खिलाफ जिला अदालत में ट्रायल की प्रक्रिया आज से शुरू होगी.

बंद हो चुके हैं चार मामले

1. वर्ष 1997 में दो सितंबर को तत्कालीन रेल थानाप्रभारी पशुपति सिंह के साथ मारपीट करने और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में अभियोजन द्वारा साक्ष्य नहीं प्रस्तुत करने पर अदालत ने केस बंद कर दिया. मामले में अनुसंधानकर्ता ने 10 अक्तूबर, 1998 को शहाबुद्दीन, अजय तिवारी, मनोज सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. तत्कालीन रेल थानाध्यक्ष पशुपति सिंह, आरक्षी निरीक्षक चंद्रदेव कुमार, रामराज मिश्र, भूदेव तिवारी, रामजनम शर्मा, नंद किशोर सिंह, विजय कुमार, नलेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, घटना के अनुसंधानकर्ता एएन हैदर व आरक्षी निरीक्षक वीपी सिंह की गवाही होनी थी. न्यायालय व अभियोजन द्वारा एसपी के माध्यम से समन व डीओ लेटर भेजे जाने के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा इन साक्षियों को साक्ष्य के लिए प्रस्तुत नहीं किया गया. इसलिए कोर्ट ने 20 वर्ष से चल रहे मामले में साक्ष्य बंद कर दिया.

2. शहाबुद्दीन द्वारा वर्ष 17 जून, 2006 को तत्कालीन मंडल काराधीक्षक ललन सिन्हा के साथ कारा के अंदर जान से मारने की धमकी देने और गाली-गलौज करने के 11 साल पुराने मामले में अभियोजन द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करने पर कोर्ट ने साक्ष्य बंद कर दिया.

3. आंदर थाने के बेलवासा गांव के सुभाष यादव ने चार जुलाई, 1999 को माले विधायक अमरनाथ यादव के नेतृत्व में 25 समर्थकों के साथ प्रखंड कार्यालय पर धरना कर रहा था. उसीसमय अपने नौ समर्थकों के साथ शहाबुद्दीन ने हथियार के बल पर सुभाष को चारों ओर से घेर लिया. सत्येंद्र तिवारी के नेतृत्व में धरना स्थल पर फायरिंग कर दी. गोली लगने से सुभाष यादव जख्मी हो गया. उसका इलाज मैरवा रेफरल अस्पताल में कराया गया था.

4. तत्कालीन थानाध्यक्ष रणविजय सिंह ने 28 अगस्त, 2005 को हिना शहाब, एनएम हबीबुल्लाह, एसएन शमशुद्दीन, मो. शहाबुद्दीन के नाम पर अनुज्ञप्ति प्राप्त हथियार को थाने में जमा करने का आदेश दिया था. लेकिन, उनलोगों ने प्रशासन का आदेश नहीं मानते हुए हथियार थाने में जमा नहीं कराया. मामले में थानाध्यक्ष ने इनलोगों पर सभी अनुज्ञप्ति रद्द करने का आवेदन जिला पदाधिकारी को दे दिया. इस मामले में तत्कालीन पदाधिकारी सोमेश बहादुर माथुर, सअनि रवींद्र खान, सअनि रमेशचंद्र झा, थानाध्यक्ष रणविजय सिंह न्यायालय में साक्ष्य देने के लिए उपस्थित नहीं हुए. इस कारण कोर्ट ने साक्ष्य बंद कर दिया.

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