12 की जगह 70 किमी दूरी तय करते हैं ग्रामीण
कटरा: शहरवासियों को असुविधा न हो, इसके लिए नयी सड़कों के निर्माण की कवायद हो रही है़ सड़कें चौड़ी करने की योजना पर काम चल रहा है, ताकि लोगों को जाम से निजात मिल सके़ इससे अलग शहर से नजदीक गांवों की स्थिति पर जिला प्रशासन आंख मूंदे हैं. यहां उसकी ओर से पहल की […]
कटरा: शहरवासियों को असुविधा न हो, इसके लिए नयी सड़कों के निर्माण की कवायद हो रही है़ सड़कें चौड़ी करने की योजना पर काम चल रहा है, ताकि लोगों को जाम से निजात मिल सके़ इससे अलग शहर से नजदीक गांवों की स्थिति पर जिला प्रशासन आंख मूंदे हैं. यहां उसकी ओर से पहल की गति बहुत धीमी है़ तीन माह पहले आयी बाढ़ में कई सड़कें टूट गयीं.
डायवर्सन व पुल-पुलिया बह गये़ उसे ठीक करने को लेकर उसका रवैया बेहद निराशाजनक है़ प्रखंड में आयी विनाशकारी बाढ़ ने लोगों की जिंदगी बेपटरी कर दी है. बाढ़ का पानी हटने के ढाई महीने बाद भी लोग समस्याओं से जूझ रहे हैं. सबसे बड़ी समस्या प्रखंड के उत्तरी हिस्से की 13 पंचायतों का है. आज भी प्रखंड मुख्यालय तक आने जाने के लिए चचरी व पीपा पुल का सहारा लेना पड़ता है.
बाढ़ से बसघट्टा डायवर्सन टूट गया था. इससे इलाके के लोगों की परेशानी और बढ़ गयी है. व्यवसायी को पहसौल तक सामान पहुंचाने के लिए जिला मुख्यालय से साठ किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. पहसौल के व्यवसायी रंजीत साह व अन्य का कहना है कि डायवर्सन बन जाये तो समय की काफी बचत होगी. यजुआर निवासी रामपृत पासवान, राजीव, लाल कर्ण व धोबौली निवासी रामश्रेष्ठ सहनी का कहना है कि यजुआर से मुजफ्फरपुर तक बस का परिचालन बकुची बेनीबाद के रास्ते उक्त सड़क के माध्यम से होता था तो समय की काफी बचत होती थी. बेनीबाद से दरभंगा तक की यात्रा भी कम समय में हो जाती थी.
डायवर्सन नहीं रहने के कारण थाना क्षेत्र के अन्य गांवों में जाने के लिए 12 किलोमीटर की दूरी की जगह 70 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है.
रतन कुमार यादव, थानाध्यक्ष
बाढ़ के दौरान डायवर्सन टूटने की सूचना जिला प्रशासन काे है. जिलाधिकारी से डायवर्सन चालू करने की मांग की गयी है.
प्रमोद चौधरी, बीडीओ
डायवर्सन टूटने के कारण काफी परेशान है़ कई बार हमने इसके लिए आवाज उठायी है़ एक बार फिर जिला प्रशासन को लिखा जायेगा.
नुनु कुमार चौधरी, प्रखंड प्रमुख