एनएचएआइ व जिला प्रशासन के बीच फंसा सर्विस रोड

मुजफ्फरपुर : एनएच 28 पर बीबीगंज से रामदयालु के बीच फोरलेन के सर्विस रोड व नाला का निर्माण अधूरा पड़ा है. इसके लिए एनएचएआइ और जिला प्रशासन एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. जिम्मेदार चाहे जो हों, लेकिन सच यह है कि आरोप-प्रत्यारोप के बीच यह काम अधर में लटक गया है. इसका खामियाजा आम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2017 5:10 AM

मुजफ्फरपुर : एनएच 28 पर बीबीगंज से रामदयालु के बीच फोरलेन के सर्विस रोड व नाला का निर्माण अधूरा पड़ा है. इसके लिए एनएचएआइ और जिला प्रशासन एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. जिम्मेदार चाहे जो हों, लेकिन सच यह है कि आरोप-प्रत्यारोप के बीच यह काम अधर में लटक गया है. इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

एनएच 28 पर वाहनों के अधिक परिचालन के कारण जाम की स्थिति से निजात के लिए चांदनी चौक से बरौनी के बीच टू लेन सड़क निर्माण के बाद बीबीगंज से रामदयालु तक फोर लेन के दोनों ओर सर्विस रोड के निर्माण का निर्णय लिया गया.
लेकिन सड़क पर अतिक्रमण के कारण इस कार्य में बाधा उत्पन्न होने लगी. प्रतिमा व सड़क खोद कर बिछायी गयी निगम की पाइप लाइन भी समस्या बनी है. लेकिन प्रशासन व एनएचएआइ के अधिकारी इसको लेकर एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं. 500 मीटर नाला व 600 मीटर सर्विस रोड का निर्माण इस पेंच में फंसा हुआ है.
एनएचएआइ का काम है अतिक्रमण हटाना. हमारा काम है मजिस्ट्रेट व पुलिस बल उपलब्ध कराना. एनएचएआइ के अधिकारी खुद मधौल में सड़क पर गाड़ी खड़ी करवाते हैं. वे अतिक्रमण हटाएं, हम हमेशा सहयोग करने को तैयार हैं. वे सिर्फ पत्र लिखते हैं. हमने कई बार अतिक्रमण खाली करवाया, लेकिन उन लोगों के सक्रिय नहीं रहने से अतिक्रमणकारी दोबारा काबिज हो जाते हैं.
सुनील कुमार, एसडीओ पूर्वी, मुजफ्फरपुर
जगह आज खाली हो जाये, तो हम 15 दिनों में नाला व सर्विस रोड का निर्माण करवा लेंगे. 50 बार से अधिक पत्र लिखने के बाद भी प्रशासन का सहयोग नहीं मिला. आज प्रशासन तैयार हो, तो हम आधे घंटे में अपनी मशीनरी लेकर अतिक्रमण हटाने को तैयार हैं. आर्मी कैंपस की चहारदीवारी भी सड़क पर है. पत्र लिखने पर भी उनलोगों ने चहारदीवारी नहीं हटाया हैं. सड़क के बीच ही निगम की पाइपलाइन है. उनसे भी एस्टीमेट मांगे थे, वहां से भी जवाब नहीं आ रहा है. हमारे सर्कुलर के अनुसार सड़क पर बने धार्मिक स्थल के लिए यदि कोई भूमि उपलब्ध कराते हैं, तो विभाग उसे बना देता है
प्रभात रंजन पांडेय, तकनीकी प्रबंधक, एनएचएआइ

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