बिजली बिल दे रहा उपभोक्ताओं को झटका
मुजफ्फरपुर : बिजली विभाग की मनमानी से उपभोक्ता त्रस्त हैं. निजी कंपनी एस्सेल हो या एनबीपीडीसीएल. दोनों की व्यवस्था कमोबेश एक जैसी है. यही वजह है कि शहर से लेकर ग्रामीण इलाके की बिजली बिल वितरण की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है. मीटर रीडिंग भी सही तरीके से नहीं हो रही है. कई बार तीन-चार महीने […]
मुजफ्फरपुर : बिजली विभाग की मनमानी से उपभोक्ता त्रस्त हैं. निजी कंपनी एस्सेल हो या एनबीपीडीसीएल. दोनों की व्यवस्था कमोबेश एक जैसी है. यही वजह है कि शहर से लेकर ग्रामीण इलाके की बिजली बिल वितरण की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है. मीटर रीडिंग भी सही तरीके से नहीं हो रही है. कई बार तीन-चार महीने का बिजली बिल एकमुश्त थमा दिया जाता है. देर से मिलनेवाले बिल पर लोगों को ब्याज भी देना पड़ता है.
मोतीपुर पावर स्टेशन से जुड़े पगहिया निवासी नितेश्वर सिंह परेशान हैं. बिजली कनेक्शन लेने के आठ महीने तक बिल ही नहीं आया. इधर, एनबीपीडीसीएल के बकाया बिल वाले के बिजली काटने की सूचना से पसोपेश में आ गये. सबसे बड़े फीडर में से एक जीरोमाइल व बालूघाट इलाका का भी यही हाल है. एसकेएमसीएच फीडर के सहबाजपुर निवासी राम प्रवेश झा बिल की गड़बड़ी की सुधार के लिए एक साल से कार्यालय में दौड़ लगा रहे हैं.
नियम : उपभोक्ताओं को बिल डेट से दस दिन पहले बिल उपलब्ध कराना है. इसके लिए प्रत्येक महीने में 15-20 तारीख को मीटर रीडिंग कर बिल उपभोक्ता के घर तक पहुंचाना है. आलम यह है कि बिल डेट के दो महीने बाद बिल मिलता है.