कुढ़नी : जमुई सड़क हादसे में हुई मौत के बाद सूमेरा के मृतक संतोष कुमार व सदर थाना के पकड़ी इस्माइल निवासी सुनील कुमार उर्फ भोला का शव पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार की शाम करीब चार बजे उनके घर पहुंचा. शव पहुंचते ही दोनों मृतकों के परिजनों में कोहराम मच गया. सूमेरा से पकड़ी इस्माइल तक मातम पसर गया. दोनों के शव आने के इंतजार में सैकड़ों ग्रामीण अहले सुबह से इंतजार कर रहे थे. लोग पल-पल की जानकारी ले रहे थे कि शव आने में और कितना देर लगेगा.
अपने गांव के लाल के अंतिम दर्शन को लोग व्याकुल थे. शव पहुंचते ही लोग अपने आंसू नहीं रोक पाये. पत्नी नीतू पति के शव से लिपट दहाड़ मारकर रोने लगी. आसपास की महिलाएं उसे समझाने की कोशिश कर रही थीं. नीतू बोल रही थी कि भगवान हम किसी का क्या बिगाड़े थे कि मेरा सुहाग छीन गया. पांच वर्ष के बेटे ऋषभ व तीन वर्ष की पुत्री नब्या को पता नहीं था कि उनके सिर से पिता का साया उठ गया है. संतोष के दोनों बच्चे दरवाजे पर जुटे लोगों को निहार रहे थे.
मौत से पूर्व अपने चाचा से संतोष ने की थी बात : संतोष अपने बगल के चाचा धर्मेंद्र को सोमवार करीब 2:30 में फोन किया था. संतोष अपने चाचा से पूछा कि नये साल पर कहा घूमने गये. चाचा ने वैशाली घूमने की बात कही. चाचा ने पूछा कब तक घर पहुंचेगा. संतोष ने बताया कि हमलोग भी जल्द पहुंच जायेंगे. संतोष घर तो पहुंचा, लेकिन लाश बनकर. किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि आखिर यह सब अचानक कैसे हो गया.
पकड़ी इस्माइल में उतरा सुनील कुमार उर्फ भोला का शव: संतोष के साथी व पकड़ी इस्माइल निवासी सुनील कुमार उर्फ भोला के घर की दूरी करीब पांच किमी की है. दोनों एक-दूसरे के गहरे दोस्त थे. पोस्टमार्टम से शव आने के बाद पकड़ी इस्माइल में उतरा सुनील कुमार उर्फ भोला का शव. इसके बाद दूसरे दोस्त संतोष का शव सूमेरा पहुंचा. ग्रामीण गांव के लाल का शव आने तक भूखे प्यासे डटे रहे. इस दौरान दोनों गांव के बीच मातमी सन्नाटा पसरा रहा. हर कोई यह जानने में जुटा था कि कहां तक शव पहुंचा है. जानकारी मिलते ही लोग शांत हो जाते थे. गांव के लोग दोनों की मौत पर गम में डूबे रहे.
भोला के घर भी मचती रही चीख पुकार: सुनील का शव घर पहुंचते ही ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी. सुनील की पत्नी बार -बार बेहोश हो रही थी. किसी तरह लोगों ने पति का अंतिम दर्शन कराकर घर में ले गये. पिता ब्रज किशोर साह व मां प्रेमा देवी बेटे के शव को देख होश खोने लगे. गमगीन माहौल में दोनों के शव का अंतिम संस्कार स्थानीय श्मशान घाट में हुआ.
पिता बोले-मेरे सामने में जल जायेगा बेटा
पिता मिथलेश राय को विश्वास नहीं हो रहा था कि उनका बेटा संतोष अब इस दुनिया में नहीं रहा. वे बोल रहे थे कि बेटा हमेशा बोलता था कि पापा आप घर का कोई चिंता नहीं करेंगे. बेटा छठ पर्व में जबरन पैंट शर्ट सिलवा दिया था. अब कौन सिलायेगा मेरा कपड़ा हो भगवान. इ तू कि करल हो भगवान. दरवाजे पर अर्थी को देख फूट-फूट कर रोने लगे. बोले, हमरा सामने में मेरा बेटा जल जायेगा हो भगवान. मां का भी बुरा हाल था.
संतोष को दूरसंचार में करना था योगदान
संतोष की नौकरी का ज्वाइनिंग लेटर आया था. लेकिन ईश्वर को संतोष को सरकारी नौकरी करना मंजूर नहीं थी. संतोष के छोटे भाई ने बताया कि उन्हें महुआ दूरसंचार केंद्र में नौकरी का लेटर आया हुआ था. वे घर में बोल रहे थे कि अभी खरमास चल रहा है. इसलिए खरमास के बाद महुआ में योगदान करेंगे. यह कहते हुए छोटे भाई के आंख से भी आंसू निकल पड़े.