विद्यार्थियों के लिए खास है आज का दिन, करें पूजन
मुजफ्फरपुर : माघ माह की शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस माह में गुप्त नवरात्रि भी मनाई जाती है. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. माना जाता है इस दिन मां देवी सरस्वती का आविर्भाव हुआ था. यह तिथि वागीश्वरी जयंती और श्री पंचमी के […]
मुजफ्फरपुर : माघ माह की शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस माह में गुप्त नवरात्रि भी मनाई जाती है. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. माना जाता है इस दिन मां देवी सरस्वती का आविर्भाव हुआ था. यह तिथि वागीश्वरी जयंती और श्री पंचमी के नाम से भी जानी जाती है.
जो विद्यार्थी विद्या प्राप्त कर रहे हैं या जो प्रारंभ करने जा रहे हैं, वह सुबह 07.11 बजे से 08.06 बजे के मध्य पूजन करें. जो व्यक्ति और विद्यार्थी संगीत सीख रहे हैं या जो कलाकार है, वे अपने वाद्य यंत्रों के साथ दोपहर 12.39 से 01:00 बजे के मध्य पूजन करें. अन्न प्रासन के लिए सुबह 7.30 से 08.10 बजे के बीच का समय शुभ बताया गया है.
मां सरस्वती की प्रार्थना के लिए मंत्र
या कुंदेंदु तुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदंडमंडित करा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवै सदावंदिता सा मां पातु सरस्वती भगवती नि: शेषजाड्यापहा।। शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाद्यां जगद्व्यापिनीं वीणा पुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्। हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिता वंदे त्वां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।।
भावार्थ : जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुंद के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दंड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है और ब्रह्मा, विष्णु और शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली मां सरस्वती हमारी रक्षा करें.
शुक्लवर्ण वाली, संपूर्ण चराचर जगत् में व्याप्त, आदिशक्ति, परब्रह्म के विषय में किए गए विचार और चिंतन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली, सभी भयों से भयदान देने वाली, अज्ञान के अंधेरे को मिटाने वाली, हाथों में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करने वाली और पद्मासन पर विराजमान बुद्धि प्रदान करने वाली, सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलंकृत, भगवती शारदा (सरस्वती देवी) की मैं वंदना करता हूं!
बसंत पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी पर्व
22 जनवरी 2018 पंचमी तिथि
अमृत चौघड़िया
सुबह 7.11 बजे से 8.33 बजे
शुभ चौघड़िया
सुबह 9.55 बजे से 11.17 बजे (इस चौघड़िया में हवन करना श्रेष्ठकर है)
अभिजित मुहूर्त्त
दोपहर 12.17 से 01:00 बजे
कैसे करें बसंत पंचमी की पूजाप्रात : काल सूर्योदय स्नानादि कर पीले वस्त्र धारण करें. मां सरस्वती की प्रतिमा को सामने रखें तत्पश्चात् कलश स्थापित कर गणेश जी और नवग्रहों की विधिवत पूजा करें. फिर मां सरस्वती की पूजा वंदना करें. मां को श्वेत और पीले पुष्प अर्पण करें. मां को खीर में केसर डाल के भोग लगाएं. विद्यार्थी मां सरस्वती की पूजा कर के गरीब बच्चों को कलम व पुस्तक दान करें. संगीत से जुड़े छात्र और व्यक्ति अपने वादन यंत्रों पर तिलक लगा कर मां का पूजन करें साथ ही मां को बांसुरी या वीणा भेंट करें.