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आलू की फसल पर ठंड की मार
मुजफ्फरपुर : पिछले 20 दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड व पाला से आलू व मक्का की फसल काफी प्रभावित हुई है. मक्का के पौधे पीले पड़ गये हैं. वहीं आलू की अगात व पिछात फसल झुलसा रोग से प्रभावित हो गयी है. इससे इन दोनों फसलों के उत्पादन पर असर पड़ेगा.ठंड अधिक पड़ने […]
मुजफ्फरपुर : पिछले 20 दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड व पाला से आलू व मक्का की फसल काफी प्रभावित हुई है. मक्का के पौधे पीले पड़ गये हैं. वहीं आलू की अगात व पिछात फसल झुलसा रोग से प्रभावित हो गयी है. इससे इन दोनों फसलों के उत्पादन पर असर पड़ेगा.ठंड अधिक पड़ने से झुलसा रोग का प्रकोप बहुत तेजी हुआ है. यह रोग प्रतिकूल मौसम व नम वातावरण में फैलता है.
इस रोग से आलू की फसल को भारी क्षति होने की संभावना रहती है. झुलसा रोग में आलू की फसल की पत्तियां सिरे से झुलसने लगती हैं. पत्तियों पर भूरे काले रंग के जलीय धब्बे बनते हैं. पत्तियों की निचली सतह पर रूई की तरह फफूंद दिखाई देता है. 80 प्रतिशत से अधिक आर्द्र वातावरण एवं 10-20 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर इस रोग का प्रकोप बहुत तेजी से होता है. दो से चार दिन तक के अंदर संपूर्ण फसल नष्ट हो जाती है.
ठंड से सब्जी को काफी नुकसान हुआ है. खासकर लत्तीदार सब्जी, लौकी व नेनुआ के पौधे पाला से झुलस कर गल गये हैं. बाजार से नेनुआ व लौकी गायब है. वैसे कमोबेश टमाटर, मटर पर भी ठंड का असर है.
राई व सरसों में सफेद रतुआ रोग लगने का खतरा है. प्रकोप दिखाई देने पर दवा का छिड़काव किया जाना चाहिए. ठंड व पाला से फसल को बचाने के लिए खेत में पटवन करते रहना चाहिए. ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र पूसा के अनुसार खेत में अभी नमी का होना आवश्यक है.
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