मुजफ्फरपुर: राष्ट्र निर्माण में युवाओं को आगे आना चाहिए. इनकी भागीदारी के बिना हम विकसित राष्ट्र की कामना नहीं कर सकते. युवा अपने जीवन का लक्ष्य व्यक्तिगत उपलब्धि तक सीमित नहीं रखे. वे राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य करेंगे तभी उनके जीवन का लक्ष्य पूरा होगा. उक्त बातें सरसंघ चालक डॉ मोहन भागवत ने कही. वे गुरुवार को आशावान कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे.
मुजफ्फरपुर स्थित सदातपुर स्थित भारती शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान में चल रहे शिविर के दूसरे दिन बिहार व झारखंड के 300 से अधिक आशावान कार्यकर्ता पहुंचे थे. डाॅ. मोहन भागवत ने कहा कि युवाओं को सिर्फ परीक्षा उत्तीर्ण करने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि विषय का पूरा ज्ञान अर्जित करना चाहिए. यही भारतीय ज्ञान की परंपरा रही है. उन्होंने युवा शाखाओं की संख्या बढ़ाने की बात कही.
मोहन भागवत ने कहा कि समाज के हर वर्ग के युवाओं को शाखा से जोड़े. इसके माध्यम से युवाओं को ऐसा रास्ता दिखाएं, जिससे वे जीवन के लक्ष्य से भटके नहीं. उन्होंने कहा कि गांवों से शहरों व महानगरों तक युवाओं का पलायन हो रहा है, यह ठीक नहीं है. आशावान कार्यकर्ताओं पर युवाओं को संस्कारित करने व राष्ट्र निर्माण के अभियान में उन्हें शामिल करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है. आशावान कार्यकर्ता अपने दायित्व को समझे, तभी देश का विकास होगा.
प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए 450 स्वयंसेवक
शिविर के दूसरे चरण में बिहार व झारखंड से 450 स्वयंसेवकों को डॉ भागवत ने प्रशिक्षित किया. उन्होंने संघ के दायित्वों के बारे में बताते हुए उन्हें कहा कि ईमानदारी व निष्ठा से काम करना चाहिए. तभी संघ मजबूत होगा. स्वयंसेवकों को उन्होंने लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनने व उनके निदान की पहल करने की सीख दी. शिविर की व्यवस्था में संघ के वरीय कार्यवाह व लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष श्याम भीमसेरिया, प्रांत प्रचारक रामकुमार, दयाशंकर ठाकुर, अर्जुन सिंह, चंद्रमोहन खन्ना, डॉ मनोज कुमार सिंह व महानगर कार्यवाह संजीव सिंह जुटे रहे.
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