मुजफ्फरपुर : भारत कृषि प्रधान देश है. इसमें किसान और कृषि के विकास से ही देश का विकास होगा. कृषि को पारंपरिक तरीके के साथ वैज्ञानिकीकरण करने की जरूरत है, जिससे पैदावार की बढ़ोतरी होगी. किसान को फायदा होगा तभी देश विकसित हो सकेगा. उक्त बातें आरएसएस प्रमुख डाॅ मोहन भागवत ने शनिवार को मुतलुपुर में किसानों के साथ बातचीत के दौरान कही.
पूर्व कुलपति डॉ गोपालजी त्रिवेदी के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में डॉ भागवत ने किसानों को बेहतरी का मूलमंत्र बताया. उन्होंने कहा कि सहकारिता व मिश्रित खेती के पद्धति को नजरअंदाज कर हम कम लागत पर अधिक उत्पादन की कल्पना नही कर सकते है. अलग-अलग प्रांत में अलग-अलग रहन-सहन के बाद भी देश एक है. कृषि और लोग इसके मूल में है. हमारी मातृभूमि ही सबकुछ है, जिसकी जरूरत हमें है. बस जरूरत इस बात की है कि सब कुछ में से जरूरत की चीज निकाल ले.
मोहन भागवत ने कहा, पूरे देश मे कृषि का अनुभव एक है. यह अलग बात है कि खेती का तरीका अलग है. समाज में एक पंथ से मिल कर काम करना है. देश के 318 गांवों में कृषि की अपनी व्यवस्था है. देश मे बहुत से ऐसे गांव है, जहां पर सहकारिता किसानों व समाज के बलबूते पर हो रहा है. इतना ही नहीं, इन गांवों में कुछ ऐसे भी गांव हैं, जिस गांव के लोगो ने खुद का विद्यालय व अस्पताल खोल रखा है. हमें अपने कृषि को और विकसित करने आवश्यकता है. और यह तभी संभव है जब अधिक लागत और कम भाव को उल्टा कर लें. लागत कम कैसे हो इस पर काम करने की जरूरत है.
पारपंरिक तरीका अपनाने की जरूरत
डॉ भागवत ने कहा कि समेकित खेती करने से ही किसानों की आय बढ़ सकती है. कम लागत पर अधिक उत्पादन लेने के लिए एक बार फिर से पारंपरिक तरीके को अपनाने की आवश्यकता है. इसके लिए जैविक खेती व गाय का मूत्र एक बेहतर विकल्प है. किसान की जमीन प्रयोगशाला से कम नही है. इसमें किसानों का अनुभव समाहित होता है. अपनी परंपरा में सबकुछ सीखने लायक है. सहकारिता को अपनाने की जरूरत बताते हुए डॉ भागवत ने कहा कि इससे गांव के लोग संपन्न होंगे व वातावरण स्वच्छ होगा. उन्होंने कहा कि गांव के विकास की नीति भी गांव में बनाने की जरूरत है. सहकारिता को अपना कर हमें इस मुकाम पर पहुंचना है.
‘अभी रहता गांव में और चलता शहर से’ नहीं, बल्कि गांव गांव से चलने लगे का माहौल बनाना है. गांव व देश के उन्नति के अपने साधन के आधार पर मिलजुल काम करना होगा. हमें किसी के भरोसे नही रहना है, जब ऐसा होगा तभी हम आगे बढ़ सकते है. पूर्व कुलपति डॉ गोपालजी त्रिवेदी ने समेकित कृषि प्रणाली अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि जैविक आधारित और मिश्रित खेती को अपना कर ही किसानों की उन्नति संभव है. इस मौके पर भाजपा मंडल अध्यक्ष वैद्यनाथ पाठक के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह पर उनका स्वागत किया.इनके स्वागत में मतलुपुर मुखिया इंदु देवी, मुखिया संग अध्यक्ष फेकू राम, रमन त्रिवेदी ने अंग वस्त्र एवं पुष्प प्रदान किया. मौके पर सांसद अजय निषाद, पूर्व विधायिका वीणा देवी, रजनीश कुमार राजन, ललन त्रिवेदी, मन्टून राम, सजंय त्रिवेदी, रामकुमार त्रिवेदी व वीरचंद ब्रह्मचारी मौजूद थे.
जैविक खेती के लिए स्वयंवेकों को दे प्रशिक्षण
आरएसएस के सर संघ चालक डॉ मोहन भागवत ने मतलुपुर स्थित बाबा फिशरीज फार्म का अवलोकन किया. इस दौरान फार्म के संचालक शिवराज सिंह ने उन्हें इस परियोजना के बारे में जानकारी दी. सांसद अजय निषाद,पूर्व विधायक वीणा देवी, पूर्व कुलपति व कृषि वैज्ञानिक डॉ गोपालजी त्रिवेदी ने उन्हें पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया. इस दौरान डॉ भागवत ने स्वागत में पंक्तिबद्ध खड़े किसानों से मिलकर उनका अभिवादन स्वीकार किया. फार्म भ्रमण के दौरान डॉ गोपालजी त्रिवेदी से जैविक खेती के बारे में विस्तार से जानकारी ली व उनसे संघ के स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया. डॉ त्रिवेदी ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए इस योजना का शुभारंभ करने का उन्हें आमंत्रण दिया.
खगेश्वरनाथ मंदिर में की पूजा
डॉ भागवत बाबा खगेश्वरनाथ के पौराणिक मंदिर में जाकर भगवान शंकर की पूजा अर्चना करने के बाद मंदिर प्रांगण में डॉ भागवत ने बेल का पौधा लगाया. इसके बाद मंदिर परिसर में सांसद कोष की 10 लाख की लागत से बन रहे सत्संग सभा भवन का शिलान्यास भी किया. इसके साथ मंदिर परिसर में ही भारतीय सांस्कृतिक सामाजिक स्वावलंबन केंद्र, धानुका एग्रीटेक के की ओर से संचालित किसान सलाह केंद्र व स्वास्थ्य सेवा केंद्र का शुभारंभ किया. मौके पर धानुका एग्रीटेक के क्षेत्रीय प्रबंधक वेदप्रकाश सिंह, राजीव प्रताप सिंह, विनोद कुमार सिंह, मणिकांत मिश्रा ने उन्हें पर्यावरण को बिना नुकसान किये किसानों की आमदनी दोगुना करने के लिए नई तकनीक व धानुका उत्पाद के बारे में विस्तार से जानकारी दी.