बिहार : …जब धर्मपुर में सिसकियों में गुजरी रात

मुजफ्फरपुर : रविवार की दोपहर के तीन बजे हैं. मीनापुर के धर्मपुर गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. घरों के दरवाजे पर महिलाओं व पुरुषों का जमावड़ा तो है, लेकिन चुप्पी का आलम. कभी-कभी सिसकियों से चुप्पी टूटती है, फिर सन्नाटा. दरवाजे पर निढाल बैठे लोग. सिसकती महिलाओं को चुप कराते परिवार के अन्य लोग. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 26, 2018 9:27 AM
मुजफ्फरपुर : रविवार की दोपहर के तीन बजे हैं. मीनापुर के धर्मपुर गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. घरों के दरवाजे पर महिलाओं व पुरुषों का जमावड़ा तो है, लेकिन चुप्पी का आलम. कभी-कभी सिसकियों से चुप्पी टूटती है, फिर सन्नाटा. दरवाजे पर निढाल बैठे लोग. सिसकती महिलाओं को चुप कराते परिवार के अन्य लोग. यह तस्वीर किसी एक घर की नहीं. इलाके के छह घर जिन्होंने अपने बच्चों को खोया है, सभी ऐसे ही गमगीन माहौल में डूबे हुए. अन्य घरों के दरवाजे पर भी शांति.
सड़क से सटे मो अनवारुल हक व मो इस्लाम के दरवाजे पर लोगों का आना-जाना जारी, लेकिन सभी निशब्द. कोई कहे भी तो क्या, बस आंखों से ढांढ़स बंधाता कुछ देर बैठता फिर वापस हो जाता. मो इस्लाम के घर से पगडंडी होते आगे बढने पर गगनदेव सहनी का घर. यहां भी सन्नाटा.
खाट पर बैठे गगनदेव सहनी की आंखें सूज चुकी है. मुंह से बोल नहीं फूट रहे हैं, उनकी पत्नी खाट पर ही निढाल पड़ी हैं. बेटी सहित अन्य रिश्तेदार वहीं जमीन पर बैठे हैं. किसी नये आदमी को देखते ही गगनदेव सहनी की आंखों से आंसू झरने लगते हैं. इनके पास कहने के लिए कुछ नहीं हैं. गगनदेव सहनी के घर के पास ही गौनौर सहनी का घर है. यहां भी सन्नाटा पसरा हुआ है. कुछ महिलाएं घर के बाहर बैठी हैं. सिसकियों के साथ रोने की तेज आवाज पूरे इलाके की आंखें नम कर देती है
चांदनी की स्थिति नाजुक आईजीआईएमएस रेफर
धर्मपुर सड़क हादसे में जख्मी मो शाहिद की पुत्री चांदनी खातून की स्थिति नाजुक बनी हुई है. एसकेएमसीएच से रविवार को उसे पटना रेफर कर दिया गया. वहीं रामेश्वर सहनी के पुत्र मीरा लाल कुमार व फूल मोहम्मद के पुत्र मो इरशाद का एसकेएमसीएच के आईसीयू वार्ड में इलाज चल रहा है.
हादसे में अन्य जख्मी मो अरमान, सुमन कुमार, श्याम कुमार, शकीना खातून और शमीना खातून की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है. एसकेएमसीएच अधीक्षक जीके ठाकुर व उपाधीक्षक सुनील शाही लगातार डॉक्टरों की टीम की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. हर घंटे डॉक्टर जख्मी के बेड पर जाकर विजिट कर रहे हैं. उनकी परेशानियों को सुन समुचित इलाज कर रहे हैं.

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