पत्रकार राजदेव हत्याकांड में शहाबुद्दीन समेत 7 अभियुक्तों के खिलाफ 15 मार्च को…
मुजफ्फरपुर : वर्ष 2016 में सीवान में हुए पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में शहाबुद्दीन समेत उसके सात गुर्गों के खिलाफ आरोप-पत्र के गठन पर आगामी 15 मार्च को फैसला हो सकता है. जानकारी के मुताबिक इस मसले पर मुजफ्फरपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गयी है. बहस […]
मुजफ्फरपुर : वर्ष 2016 में सीवान में हुए पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में शहाबुद्दीन समेत उसके सात गुर्गों के खिलाफ आरोप-पत्र के गठन पर आगामी 15 मार्च को फैसला हो सकता है. जानकारी के मुताबिक इस मसले पर मुजफ्फरपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गयी है. बहस पूरी होने के बाद आरोप पत्र के गठन के बिंदू पर फैसले को सुरक्षित रखा गया है, जो संभवत: 15 मार्च को सुनाया जायेगा.
मामले में सीबीआइ के वकील शरत सिन्हा ने मीडिया को बताया कि हत्याकांड में 22 अगस्त को कोर्ट को सौंपे गये चार्जशीट के मुताबिक राजदेव रंजन के हत्यारों के खिलाफ सीबीआइ के पास पुख्ता और पर्याप्त सबूत हैं. सीबीआइ ने कोर्ट में हैदराबाद से आये हुए सीएफएसएल की रिपोर्ट को कोर्ट में पेश किया और बताया कि आने वाले दिनों में कोलकाता और हैदराबाद लैब के अन्य रिपोर्ट को भी जल्दी सौंपा जायेगा.
गुरुवार को कोर्ट में हुई कार्रवाई के आलोक में यह जानकारी मिली कि मामले में मो. शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल से और लड़्न मियां को भागलपुर जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश किया गया और बाकी आरोपितों को सशरीर कोर्ट में पेश किया गया. इस हत्याकांड में सीबीआइ सभी आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट सौंप चुकी है. कोर्ट में आरोप पत्र के 15 मार्च के गठन हो जाने के बाद हत्याकांड के ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.
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ज्ञात हो कि सीवान से राजद के सांसद रहे शहाबुद्दीन पर2016में हिंदी अखबार के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या में कथित तौर संलिप्त रहने का आरोप है. शहाबुद्दीन 45 से अधिक मामलों में आरोपी हैं. गत फरवरी महीने से दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं. राजदेव की गत वर्ष 14 मई 2016 को सीवान में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी, जिनकी पत्नी ने अपने पति की हत्या में शहाबुद्दीन की संलिप्तता का आरोप लगाया था.