स्पीकर चौक पर नगर विकास एवं आवास मंत्री का है कार्यालय, नया टोला में उप महापौर का आवास

बिना काम पूरा किये निगम के इंजीनियर को लाखों का भुगतान मुजफ्फरपुर : सबमर्सिबल (मिनी पंप) व जलापूर्ति की पाइपलाइन बिछाने के नाम पर नगर निगम एक और घोटाला उजागर होता दिख रहा है. वार्ड नंबर 25 के पार्षद संतोष कुमार शर्मा उर्फ संतोष महाराज ने नगर आयुक्त को पत्र लिख बिना कार्य पूरा किये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2018 5:05 AM

बिना काम पूरा किये निगम के इंजीनियर को लाखों का भुगतान

मुजफ्फरपुर : सबमर्सिबल (मिनी पंप) व जलापूर्ति की पाइपलाइन बिछाने के नाम पर नगर निगम एक और घोटाला उजागर होता दिख रहा है. वार्ड नंबर 25 के पार्षद संतोष कुमार शर्मा उर्फ संतोष महाराज ने नगर आयुक्त को पत्र लिख बिना कार्य पूरा किये विभागीय स्तर पर लाखों रुपये के भुगतान कर देने का आरोप निगम प्रशासन पर लगाया है. इसमें निगम के अभियंता व जलापूर्ति शाखा के कर्मचारी की भूमिका पर पार्षद ने सवाल खड़े किये हैं. कहा कि उनके वार्ड में तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन के कार्यकाल में दो जगहों पर विभागीय रूप में मिनी पंप व पाइपलाइन के लिए आदेश हुआ. एस्टिमेट में मिनी पंप लगाकर पाइपलाइन बिछानी थी,
लेकिन कलमबाग चौक स्थित अमरनाथ मंदिर परिसर में सिर्फ पाइप लगाकर कनीय अभियंता ने भुगतान प्राप्त कर लिया. इसके अलावा सत्संग गली, पंखाटोली-लीचीगाछी में एक हजार फुट में पाइप बिछायी जानी थी. एस्टिमेट में रोड कटिंग के बाद ढलाई का प्रावधान किया गया था, लेकिन मात्र चार सौ फुट में घटिया पाइपलाइन बिछाकर बिना ढलाई रोड ऐसे ही छोड़ दिया गया.
निगम ने बिना मापी किये व कार्य की गुणवत्ता जांच के आधी-अधूरी योजनाओं का पूरा पेमेंट कर दिया है. पार्षद ने इसकी उच्चस्तरीय जांच नगर आयुक्त संजय दूबे व नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा से कराने की मांग की है. कहा कि उनके वार्ड में तैयार एस्टिमेट के अनुसार हुए काम की जांच होगी, तो किस तरह जलापूर्ति शाखा में पानी का पाइपलाइन बिछाने के नाम पर सरकारी राशि की लूट-खसोट हुआ है. इसका राज खुल जायेगा.
वार्ड नंबर 25 कलमबाग चौक अमरनाथ मंदिर के पास व सत्संग गली, पंखा टोली-लीचीगाछी का मामला
– पार्षद ने की शिकायत, कहा जलापूर्ति शाखा की मिलीभगत से आधा-अधूरे कार्य पर भी राशि का भुगतान
– तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन के कार्यकाल में इंजीनियर को मिला था काम कराने का आदेश

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