ठेकेदार के पिता ने तीन लोगों पर दर्ज करायी नामजद प्राथमिकी

मुजफ्फरपुर : सदर थाना के एक होटल में मृत पाये गये बोकारो दुग्दा के ठेकेदार जीतू कुमार के मामले में नया मोड़ आया है. परिजनों ने सूदखोरों के ब्लैकमेल से तंग आकर उसके आत्महत्या के लिए मजबूर होने का खुलासा किया है. जीतू की डायरी से सूदखोरों की करतूत सामने आयी है. मृतक ठेकेदार के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2018 9:31 AM
मुजफ्फरपुर : सदर थाना के एक होटल में मृत पाये गये बोकारो दुग्दा के ठेकेदार जीतू कुमार के मामले में नया मोड़ आया है. परिजनों ने सूदखोरों के ब्लैकमेल से तंग आकर उसके आत्महत्या के लिए मजबूर होने का खुलासा किया है.
जीतू की डायरी से सूदखोरों की करतूत सामने आयी है. मृतक ठेकेदार के पिता अमरेंद्र कुमार ने मंगलवार को सदर थाने पहुंच आवेदन देकर धारा 306 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई का आग्रह किया है. आवेदन में बोकारो के उमेश महतो, राजू प्रभाजन समेत तीन को आरोपित किया है. पुलिस छानबीन में जुटी है.
कर्ज चुकाने के बावजूद बना रहे थे दबाव : पुलिस को दिये आवेदन में पिता अमरेंद्र कुमार ने कहा है कि उसकी डायरी में पांच फरवरी को सूदखोरों की करतूत दर्ज है. उन्होंने कहा कि चार साल पूर्व जीतू ने सुरेश महतो से चार प्रतिशत ब्याज की दर पर दस लाख रुपये कर्ज लिये थे. गारंटी के तौर पर चार पहिया वाहन वैगन आर कार का बिक्री पत्र और बैंक चेक दिया था.
जून-जुलाई 2017 में बिल मिलने के बाद उसने आठ लाख रुपये लौटा दिये थे. अब मात्र दो लाख रुपये बकाया था. लेकिन सुरेश महतो, राजू प्रभाजन सहित अन्य उस पर पांच लाख रुपये देने का दबाव बनारहे थे. इनकार करने पर पूरे परिवार को अंजाम भुगतने की भी चेतावनी दे रहे थे. साथ ही बदनाम करने की भी धमकी दी जा रही थी.
परिवार को बदनामी से बचाने के लिए दी जान : अमरेंद्र कुमार ने कहा है कि उनका बड़ा बेटा सूदखोरों के चंगुल में फंस कर प्रताड़ित को रहा था. सूदखोर उसे बदनाम और परिवार के लोगों को जान से मार देने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रहे थे. प्रताड़ना से तंग आकर उसने अपनी जान दे दी.
दुग्दा पुलिस को उसकी लिखी डायरी उपलब्ध करा दी गयी है, लेकिन सूदखोर से मिलीभगत के कारण दुग्दा पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
पटना के पार्किंग में मिली जीतू की कार : 20 फरवरी 2018 को ठेकेदार जीतू बोकारो स्थित दुर्गा कॉलोनी से अपने कार पर सवार होकर पाथरडीह के लिए निकला था. आठ मार्च को सदर थाना के एक होटल में उसका शव बरामद हुआ था. खोजबीन के दौरान उसकी कार पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल स्टेशन के पार्किंग में देखी गयी है.
जीतू ने डायरी में किया है ब्लैकमेलिंग का जिक्र
ठेेकेदार जीतू ने अपनी डायरी में सुरेश और उसके ग्रुप के सभी लोगों परकई गंभीर आरोप लगाये हैं. उसने लिखा है कि दो लाख रुपये की जगह उससे पांच लाख रुपये वसूलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.
उसने आरोपियों से चार साल पूर्व चार प्रतिशत मासिक ब्याज दर पर 10 लाख रुपये लेने की बात स्वीकारी है. इसमें आठ लाख रुपये लौटा दिये जाने का जिक्र किया गया है. इसमें प्रदीप ओझा नामक व्यक्ति से पांच लाख रुपये कर्ज लेकर चार लाख रुपये सुरेश को लौटा देने की बात की भी चर्चा की गयी है. शेष रकम बिल आने पर जून-जुलाई 2017 में वापस कर दिया था. अब सिर्फ दो लाख रुपये बकाया हैं.
इस दो लाख रुपये के बकाया के लिए मैंने चार साल पहले सुरेश महतो से लिखवाया था. इसके एवज में मैंने गारंटी के तौर पर दो चेक, वैगन आर कार के सेल लेटर पर अपने पापा से हस्ताक्षर करा लिया था. अब ये लोग मुझ पर पांच लाख बकाया होने का दावा करते हुए लौटाने के लिए दबाव बना रहे हैं. बकाया नहीं देने पर जान से मार देने और पूरे परिवार को तबाह करने के साथ ही बदनाम करने की भी धमकी दे रहे हैं. उसने डायरी में स्पष्ट लिखा है कि मैं इनलोगों के हाथों ब्लैकमेल हो रहा हूं. अब मैं क्या करूं? ये लोग ब्याज मांग रहे हैं और मुझे परेशान कर रहे हैं.

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