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20 हजार करोड़ का व्यवसाय प्रभावित मांग पूरी नहीं हुई, तो बेमियादी हड़ताल करेंगे ग्रामीण बैंककर्मी मुजफ्फरपुर : यूनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियंस (यूएफआरआरबीयू) आह्वान पर सात सूत्री मांगों को लेकर देश के 56 ग्रामीण बैंक 26 मार्च से तीन दिवसीय हड़ताल पर हैं. आंदोलन के दूसरे दिन मंगलवार को भी उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2018 4:22 AM

20 हजार करोड़ का व्यवसाय प्रभावित

मांग पूरी नहीं हुई, तो बेमियादी हड़ताल करेंगे ग्रामीण बैंककर्मी
मुजफ्फरपुर : यूनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियंस (यूएफआरआरबीयू) आह्वान पर सात सूत्री मांगों को लेकर देश के 56 ग्रामीण बैंक 26 मार्च से तीन दिवसीय हड़ताल पर हैं. आंदोलन के दूसरे दिन मंगलवार को भी उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक (यूबीजीबी) में हड़ताल रही. यूबीजीबी की 18 जिलों में स्थित 1032 शाखाओं व 14 क्षेत्रीय कार्यालयों में काम ठप रहा. मार्च क्लोजिंग के दौरान हड़ताल से 20,000 करोड़ रुपये का व्यवसाय प्रभावित हुआ.
उक्त बातें यूएफआरआरबीयू के स्थानीय संयोजक अरुण कुमार सिंह ने कलमबाग रोड स्थित यूबीजीबी के प्रधान कार्यालय पर धरना को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने बताया कि अगर तीन दिवसीय हड़ताल के बाद भी हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी. धरना को संबोधित करने वालों में रामानुज कुमार सिन्हा, प्रशांत कुमार, एएम सोज, रंधीर नारायण, विनोद शरण, आनंद राज, शंभु कुमार सिंह, अजीत कुमार श्रीवास्तव, अभिषेक कुमार, राजीव कुमार सहित सात यूनियन के प्रतिनिधि शामिल थे.
सात सूत्री मांगों को लेकर ग्रामीण बैंक की हड़ताल जारी
सुप्रीम कोर्ट के फैसला के विरुद्ध दायर एसएलपी को सरकार वापस ले, ताकि ग्रामीण बैंकरों को बैंकिंग उद्योग के समान पेंशन व पीएफ सुविधा मिले.
ग्रामीण बैंक के निजीकरण का फैसला वापस ले, इससे ग्रामीण क्षेत्र का विकास अवरुद्ध होगा. अन्य बैंकों के समान अनुकंपा नियुक्ति 2014 से शुरू करे.
अन्य बैंकों के समान ग्रामीण बैंक में कंप्यूटर इंक्रीमेंट लागू हो. दैनिक वेतन भोगी व आकस्मिक कर्मचारी को न्यूनतम मजदूरी के साथ सेवा नियमित की जाये.
ग्रामीण बैंकरों की सेवा सुरक्षा नहीं, आये दिन प्रधान कार्यालय से लेकर क्षेत्रीय प्रबंधक तक ट्रांसफर मेमो चार्जशीट की धमकी देते हैं और रिटायरमेंट से एक दिन पहले चार्जशीट हस्तगत किया जाता है.
प्रायोजक बैंकों के समान सेवा शर्त, भर्ती नीति, रिटायरमेंट की शर्त आदि लागू की जाये.
ग्रामीण बैंक को भी भारतीय बैंक संघ का सदस्य बनाकर वार्ता मंच बनाया जाये.

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