22 तक ग्रामीण व 30 फुट से नीचे गया शहर का भू-जलस्तर

मुजफ्फरपुर : बारिश नहीं होने से शहर व ग्रामीण क्षेत्र का जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है. इससे पानी को लेकर हाहाकार मचना शुरू हो गया है. भू-जल 30 फुट के नीचे जाने के कारण अब तक शहरी क्षेत्र में लोगों को परेशानी थी. लगातार पंद्रह दिनों से जगह-जगह वाटर टैंकर से निगम पानी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 29, 2018 3:36 AM

मुजफ्फरपुर : बारिश नहीं होने से शहर व ग्रामीण क्षेत्र का जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है. इससे पानी को लेकर हाहाकार मचना शुरू हो गया है. भू-जल 30 फुट के नीचे जाने के कारण अब तक शहरी क्षेत्र में लोगों को परेशानी थी. लगातार पंद्रह दिनों से जगह-जगह वाटर टैंकर से निगम पानी की आपूर्ति करा रहा है, लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्र का जलस्तर भी तेजी से नीचे गिरने लगा है.

इससे दर्जनों सरकारी स्कूलों में लगे लगे चापाकल सूख गये हैं. पीएचइडी के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र का जलस्तर सामान्य से पांच से सात फुट नीचे 22 फुट तक चला गया है. दो फुट नीचे यानी 25 फुट पार करने के बाद लोगों को गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. सबसे ज्यादा परेशानी अभी कांटी, सकरा व मुरौल प्रखंड के लोगों को हो रही है.

इन तीनों प्रखंड में 22 से 25 फुट के बीच जलस्तर मापी गयी है. बाकी प्रखंडों में 20-22 फुट के बीच जलस्तर है. पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता प्रभात कुमार ने बताया कि अभी हैंडपंप से पानी निकल रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में 25 फुट नीचे जलस्तर जाने के बाद परेशानी होगी.

तीन प्रखंडों से कुछ हैंडपंप से पानी नहीं निकले की रिपोर्ट है. विभाग पूरी तरह जल संकट से निपटने को तैयार है.
बढ़ा प्रदूषण लेबल
गर्मी बढ़ने के साथ ही शहर का प्रदूषण लेबल भी बढ़ गया है. वाहनों से निकलने वाले धुएं के साथ हवा में मिल रहे धूल-मिट्टी के कण सांस के लिए परेशानी बन रहे हैं. शहर में सुबह से शाम तक छोटे अणुओं का कण पीएम 2.5 में वृद्धि हो गयी है. समाहरणालय में लगे प्रदूषण मापी यंत्र के आंकड़े बताते हैं कि सुबह से लेकर रात्रि नौ बजे तक अणुओं का कण 88 से 110 पर क्यूबिक मीटर रहा है. जबकि इसे 60 क्यूबिक मीटर से नीचे होना चाहिए. विशेषज्ञों की माने तो हवा जितनी तेज होगी मिट्टी, बालू के साथ कारखानों से निकलने वाले अणु हवा में घुलेंगे. इससे सांस की परेशानी बढ़ेगी.

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